उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका जिला जज ने खारिज कर दी गई है. वहीं, आशीष के अलावा अन्य आरोपियों लवकुश राणा और आशीष पांडे की याचिका भी खारिज कर दी गई. दिन में दोनों पक्षों के बीच करीब दो घंटे चली बहस के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
दरअसल, अधिवक्ता अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को सबूत के तौर पर एक वीडियो और 60 लोगों की गवाही के साथ आशीष मिश्रा के घटनास्थल पर होने का दावा किया था. जिला जज मुकेश मिश्रा ने अभियोजन की ओर से पेश किए गए साक्ष्यों को देखने के बाद जमानत याचिका खारिज करने का फैसला सुनाया.
इस दौरान सरकारी एडवोकेट ने बताया कि इनके खिलाफ बैलेस्टिक रिपोर्ट है. इसमें आशीष मिश्रा के 2 असलहे हैं, दोनों पर गोली चलना पाया गया है. इसी को आधार बनाते हुए कोर्ट ने बेल खारिज कर दी.
3 अक्टूबर को हुई थी हिंसा
बता दें कि बीते 3 अक्‍टूबर को लखीमपुर खीरी में हिंसक झड़प में 4 किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी. घटना के बाद इस कई वीडियो सामने आए थे, जिसके बाद पूरे देश में यह मामला चर्चा में रहा. वीडियो में एक थार जीप कुछ किसानों को रौंदते हुए दिख रही थी. थार जीप मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा की थी.
इसके बाद किसानों ने आशीष मिश्रा को इस घटना का मुख्‍य आरोपी बनाया था. मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने आशीष मिश्रा, आशीष पांडेय और लवकुश राना समेत कुछ अन्‍य लोगों को गिरफ्तार किया था.
जज ने दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद जमानत अर्जी को किया खारिज
गौरतलब है कि पुलिस ने इस मामले की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की. इसके साथ बैलिस्टिक रिपोर्ट भी पेश की गई. बचाव पक्ष की ओर से जमानत दिए जाने को लेकर कोर्ट के सामने कई तर्क रखे गए. अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी एडवोकेट अरविंद त्रिपाठी ने अपना पक्ष रखा. कोर्ट में करीब 2 घंटे तक बहस चलती रही.
इसके बाद जिला जज ने दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. शाम को आरोपियों की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया.

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