लखनऊ – आज हवा में ज़हर तेजी से घुल रहा है। प्राणवायु कही जाने वाली सुबह की हवा अब दम घोंटने लगी है। राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर हमारे न्यूजनेटवर्क 24 संवाददाता अमित चावला ने समाज के विभिन्न लोगों से इस पर चर्चा की। इस चर्चा के दौरान लोगों ने प्रदूषण की जिम्मेदारी भी स्वीकारी। राजधानी के लोकभारती पब्लिक स्कूल के शिक्षकों ने बताया कि देश की राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की भयावह स्थिति के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी है।
प्रिसिंपल ममता दीक्षित बताती हैं कि इस समय प्रदूषण खतरनाक स्तर को पार कर चुका है। अब तो हम सबकी जान पर बन आई है। वाहन प्रदूषण दूर करने के लिए बेशक मानक लगातार कठोर किए जा रहे हैं, पर शहरी जीवन पर आज भी वाहन प्रदूषण का असर ही सबसे हानिकारक हो रहा है। प्रकृति के साथ खिलवाड़ ने हमें इस हालत में पहुंचा दिया है।

प्रबंध निदेशक नमन दीक्षित की मानें तो प्रदूषण के लिए अंधाधुंध विकास जिम्मेदार है। हम विकास की राह पर सरपट भाग तो रहे हैं लेकिन आगे मौत बांटते प्रदूषण से बेखबर हैं। पौधे उतनी संख्या में लग नहीं रहे हैं, जितनी संख्या में पेड़ काटे जा रहे हैं।
वाइस प्रिसिंपल किरण मलिक तो साफ कहती हैं कि हमने अपना जीवन खुद ही तबाह किया हुआ है। कोई भी व्यक्ति यह जिम्मदारी लेने से बचता है। बड़ी गाडियों के शौक ने हवा को जहरीली बनाया है। आजकल जो स्मॉग छाया हुआ है वह धूम्रपान न करने वालों के भी कलेजे में रोजाना 40 सिगरेट का धुआं भर रहा है।

स्कूल की टीचर शैव्या मिश्रा और आफिस इंचार्ज सुमिता पाण्डेय कहती हैं कि हम स्वयं ही हवा का दम घोंट रहे हैं। हमने अपने घरों को इतना बंद कर दिया कि हरियाली को इंच भर भी जगह नहीं मिली। हम जब साफ हवा में सांस ही नहीं ले पा रहे तो प्रदूषण से कैसे लड़ पाएंगे। स्कूल के ही शुभम यादव ने न्यूजनेटवर्क की टीम से जल्द ही 10 पौधे लगाने का वादा किया ताकि आसपास कुछ ऑक्सीजन तो मिल सके। शुभम जल्द ही अपने स्कूल में बच्चों के साथ पौधरोपण करने वाले हैं।
रिपोर्ट – अमित चावला