लखनऊ: प्रदेश से फल-सब्जियों का निर्यात बढ़ाने के लिए दस जिलों में नए पैक हाउस बनाए जाएंगे।क्वालिटी के साथ-साथ बाकी पैमाने भी अन्तराष्ट्रीय स्तर के हों इसके लिए सरकार एक नया कदम उठाने जा रही है। प्रदेश से फल-सब्जियों के निर्यात को सुगम बनाने के लिए इसके लिए सबसे उपयोगी 10 नए पैक हाउस प्रदेश के विभिन्न जिलों में बनाए जाएंगे। एपीडा (एग्रीकल्चर एण्ड प्रोसेस फूड एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी) इसमें आर्थिक सहयोग देगी।
नीति आयोग की पहल के बाद शुरू हुई इस कवायद के तहत प्रदेश के ऐसे जिले जहां, या उसके आसपास के क्षेत्र में किसी फल या सब्जी का बहुतायत में उत्पादन होता है, उन जिलों में पैक हाउस बनाए जाएंगे ताकि कम से कम समय में वह कृषि उत्पाद पैक हाउस पहुंच सके और जरूरी होने पर एचवीटी (हीट वेव ट्रीटमेंट) के अलावा ग्रेडिंग, शार्टिंग व पैकिंग आदि की औपचारिकता पूरी कर उसे गन्तव्य पर भेजा जा सके।
इस समय प्रदेश में तीन पैक हाउस हैं जहां से पूरे प्रदेश की फल-सब्जियां निर्यात के लिए भेजी जाती हैं। यह तीनों क्रमश: लखनऊ, सहारनपुर व वाराणसी जिले में है। इन पैक हाउस में एमआरएल टेस्ट मशीनें लगी है जिसके माध्यम से यह पता चलता है कि किसी कृषि उत्पाद को पैदा करने में कितने रसायनों प्रयोग किया गया है। पैक हाउस से इसके बारे में प्रमाण पत्र जारी होने के बाद ही कृषि उत्पादों का निर्यात सम्भव हो पाता है।
इन जिलों में होगी पैक हाउस स्थापित
प्रतापगढ़, अमरोहा, बरेली, गोरखपुर, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, अयोध्या, झांसी, अलीगढ़।
प्रदेश से इन फल एवं सब्जियों का होता है निर्यात
आम, अमरूद, आंवला, बेर, भिंड्डी, हरी मिर्च, करेला, लौकी, बैगन, मटर, गोभी, गाजर, खीरा, ग्वारफली, सिंघाड़ा, चुकन्दर आदि।
प्रदेश से इन देशों को होता फल-सब्जियों का निर्यात
दुबई, शारजाह, दोहा, कुवैत, ओमान, इरान, इराक, कतर, बहरीन, यूके, मलेशिया, इटली, जर्मनी, रूस, जापान तथा अन्य यूरोपीय देश।

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