आंधी के दौरान शाम एक चिंगारी शोला बन गई, रात भर दमकल टीमों के साथ गांव वाले आग से जूझते रहे पर एक भी घर नहीं बचा पाए। महिला जिंदा जल गई, गांव वालों के दर्जन भर मवेशी लपटों से बाहर नहीं निकल आए। भोर तक गांव वाले चीखते-चिल्लाते रहे लेकिन कुछ नहीं बचा।
रविवार की शाम करीब साढ़े छह बजे चित्रकूट के राजापुर थाना क्षेत्र में सुरवल गांव के मजरा बेहनन पुरवा में तेज आंधी के दौरान आग लगी थी। आंधी के कारण आग ने इतनी तेजी पकड़ी कि लोग जब तक संभ पाते पूरे गांव को चपेट में ले लिया। लोग किसी तरह से अपने बच्चों को घरों से सुरक्षित निकालकर गांव से बाहर पहुंचाया। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि कोई नजदीक पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था।
सूचना पाकर रात नौ बजे के बाद अग्निशमन की टीमें पहुंच पाईं। इसके बाद अग्निशमन की चार टीमों ने मोर्चा संभाला। एडीएम जीपी सिंह, एएसपी बलवंत चौधरी, एसडीएम राजापुर राहुल कश्यप व सीओ इश्तेयाक अहमद भी टीम के साथ डट गए थे। रात भर अग्निशमन की टीमें आग बुझाने में जुटी रहीं। ग्रामीणों ने भी उनका सहयोग किया। इसके बाद भी सोमवार की सुबह छह बजे तक पूरा गांव सुलगता रहा। गांव के 47 पूरी तरह से फुंक गए है। घरों में रखा अनाज, गृहस्थी का सामान, नकदी, सोने व चांदी के आभूषण जल गए। आग के दौरान घर में फंसी शाहजहां (55) बाहर नहीं निकल पाई। सुबह उसका जला हुआ शव घर से बरामद हुआ।
पेड़ गिरने से रास्ते में फंस गई दमकल
आग की सूचना मिलने के बाद मुख्यालय से अग्निशमन की गाड़ी रवाना हुई। रास्ते में एक पेड़ गिर जाने से गाड़ी वहीं फंस गई। बाद दूसरे रास्ते से घूमकर दमकल टीम गांव पहुंची लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
स्कूल और पंचायत भवन में रखे गए परिवार
आग लगने के बाद पूरे गांव के लोग किसी तरह सुरक्षित निकलने के बाद खेत-खलिहानों में पहुंच गए थे। आंधी इतनी तेज थी कि लोग खुद को ही नहीं संभाल पा रहे थे। किसी तरह से बच्चों को लोगों ने संभाला। बाद में पहुंचे प्रशासन ने सभी को प्राथमिक विद्यालय व पंचायत भवन में पहुंचाया। यहीं पर सभी प्रभावित परिवार रुके हुए है। प्रशासन की ओर से उनको राहत सामग्री पहुंचाने का इंतजाम किया जा रहा है।