लखनऊ: बिजली कर्मचारी मोर्चा संगठन उप्र द्वारा पांच अगस्त 2021 को पूरे प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण के विरोध, कर्मचारियों की प्रबंधन से सहमति बने बिंदुओं पर आदेश निर्गत करवाने एवं कार्मिकों के विभागीय संयोजन पर मीटर लगाने के विरोध को लेकर काला फीता बांधकर विरोध दिवस मनाया जाएगा।
इस विषय को लेकर विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन उ.प्र. के केंद्रीय कार्यालय में एक आवश्यक बैठक आहूत की गई। बैठक में छोटेलाल दीक्षित कार्यवाहक अध्यक्ष, इंचार्ज मोहन श्रीवास्तव,प्रांतीय प्रमुख महामंत्री, नवीन गौतम कार्य, अध्यक्ष, जेपी यादव लेखा शाखा अध्यक्ष,सरजू त्रिवेदी वरिष्ठ उपाध्यक्ष, आलोक कपूर कोषाध्यक्ष, ए के माथुर संगठन मंत्री पदाधिकारी उपस्थित रहे।
संगठन अध्यक्ष चंद्र प्रकाश अवस्थी’बब्बू’ ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण का विचार सरकार की अदूरदर्शिता एवं अधकचरे सोच का प्रमाण है। जिसका विरोध मोर्चा संगठन अंतिम दम तक करेगा।उन्होंने यह भी कहा कि शीर्ष प्रबंधन अनावश्यक रूप से कार्मिकों के सहमति बने बिंदुओं पर आदेश करने से खुद को बचाता रहता है। जो कि किसी बड़े औद्योगिक अशांति का कारण बन सकता है।कर्मचारी देशहित एवं समझौतों का पालन करवाने के लिए एक बड़े आंदोलन की रूपरेखा बनाकर सड़क पर उतरने को तैयार बैठा है।

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