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महिलाओं ने काव्य में स्मरण किया गांधी और शास्त्री को
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पुस्तक मेला समितियों की हुई ऑनलाइन प्रतियोगिता
लखनऊ। मेहनतकश किसान किस तरह मिट्टी से फसल रूपी सोना उपजाते हैं, साथ ही जाबांज सैनिक कनि कठिन परिस्थितियों में सीमाओं पर रहकर देष की रक्षा करते हैं, इसकी बानगी बाल प्रतिभागियों के रचे चित्रों में दिखाई दी। राष्ट्रीय पुस्तक मेला समिति और लखनऊ पुस्तक मेला समिति की ओर से संयुक्त रूप से आज किसान या सैनिक पर चित्र प्रविष्टियां आमंत्रित की गई थीं। इन प्रतियोगिताओं के क्रम में कल गायन प्रतियोगिता पांच से 20 वर्ष तक तीन आयुवर्गों में ऑनलाइन होगी। इसके साथ आज वल्र्ड वीमन संस्था के संयोजन में महात्मा गांधी और शास्त्री जी पर आनलाइन अखिल भारतीय महिला काव्य सम्मेलन भी आयोजित किया गया।
चित्रकला प्रतियोगिता में राविन, अविका गुप्ता, भाव्या सिंह, प्रभात पाण्डेय, काव्या चतुर्वेदी, तेजस्वी, यषस्वी पोरवाल, आयुष कुमार गुप्ता, प्रखर कात्यायन, वर्चस्व श्रीवास्तव, प्रियांषी चैधरी, प्रणव तिवारी, अक्षरा सिंह, अर्षिका, संस्कृति, अवनीत कौर व आदि बच्चों से सुंदर रंगों में चित्र बनाए। करुणा सिंह की अध्यक्षता व निभा राय नवीन व रजनी षर्मा के संचालन में चले महिला काव्य सम्मेलन में वडोदरा की मीनाक्षी त्रिवेदी मौनी ने कार्यक्रम का प्रारंभ करते हुए दोनों सपूतों का स्मरण अपनी रचना में किया। भोपाल की मीना जैन दुष्यंत ने- ‘
गुदड़ी का लाल था वह पर था भारत माँ की शान’ जैसे षब्द षास्त्री जी के लिए कहे।
इसके साथ ही इंदौर की अलका जैन, ज्योतिकिरन, रांची की मुनमुन ढाली, बाराबंकी की सन्तोष सिंह, धार की रेणु बाला, प्रयागराज की अन्नपूर्णा मालवीय सुभाषिनी, भीलवाड़ा की राजश्री रतावा चंद्राश्री, साधना मिश्रा विंध्य, उड़ीसा की सस्मिता मुर्मु के साथ ही सरोज साव कमल रायगढ़, कृष्णा पटेल रायगढ़़, उषा किरण श्रीवास्तव मुजफ्फरपुर, माधुरी शर्मा दिल्ली, अंजनी शर्मा गुरुग्राम, वर्षा तिवारी बिजुरी मध्यप्रदेश, संगीता कुमारी दरभंगा, बिजल जागड, बुलबुल सिंह कटिहार, मधु कौशिक लखनऊ, क्रांति श्रीवास्तव, डा.उषा पाण्डेय कोलकाता, शीला तिवारी झारखण्ड, आशा मेहर किरण रायगढ़ व डॉ प्रतिभा कुमारी पराशर हाजीपुर इत्यादि ने काव्यपाठ किया।