लखनऊ: कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या प्रदेश भर में घटने के बाद अब ऑक्सीजन की सप्लाई भी प्रदेश भर में घट गई है. बीच में कोरोना के मरीजों की संख्या में जबरदस्त उछाल देखा गया था. इसके बाद ऑक्सीजन की सप्लाई भी प्रदेश भर में बढ़ी थी, लेकिन अब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या घटने के साथ ऑक्सीजन की डिमांड भी कम हो गई. करीब एक महीने में रोगियों की संख्या में लगभग 41 प्रतिशत कमी आई. ऐसे में ऑक्सीजन की 4 गुना तक बढ़ी डिमांड फिर से घटकर सामान्य स्तर पर पहुंच गई.
डेढ़ सौ मेट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन की थी खपत
प्रदेश भर में जब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी तो ऑक्सीजन की सप्लाई भी प्रदेश भर में बढ़ गई थी. कोरोना क्योंकि हमारे फेफड़ों पर ही असर करता है, इसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है और मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. ऑक्सीजन सपोर्ट वाले मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई. इसके बाद ऑक्सीजन की डिमांड प्रदेश भर में तेजी से बढ़ी. हालात ऐसे हो चले कि एक दिन में लगभग डेढ़ सौ मेट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ गई. इससे स्वास्थ्य भाग के माथे पर चिंता की लकीरें भी खींच रही थी कि कहीं ऑक्सीजन की कमी न पड़ जाए, लेकिन बीते करीब एक महीने से ऑक्सीजन की डिमांड में जबरदस्त गिरावट आई है. इसके बाद प्रतिदिन 30 मेट्रिक टन पर ऑक्सीजन की खपत पहुंच गई थी.
कच्चा माल मिलने में हो रही थी दिक्कत
संक्रमण की तेजी के दौर में मरीजों की ज्यादा संख्या में ऑक्सीजन प्लांट को कच्चा माल मिलने में कठिनाई होने से इसकी कालाबाजारी भी शुरू हो गई थी. ऑक्सीजन के लिए मरीजों को दोगुनी कीमत चुकानी पड़ रही थी. सरकार ने मॉनिटरिंग सिस्टम दुरुस्त किया और नए ऑक्सीजन प्लांट खोलने में तेजी दिखाई.
सितंबर में पीक पर पहुंचे कोरोना में अब 41 फीसदी गिरावट
कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या व बढ़ते हुए आंकड़ों का आलम ऐसा था कि लगभग 15 सितंबर के आसपास कोरोना वायरस पीक पर था. उस समय तक कोरोना संक्रमित की संख्या लगभग साढ़े तीन लाख थी. उनमें से दो लाख 63 हजार ठीक हो चुके थे. इसके बाद मरीजों की संख्या में कमी आना शुरू हो गई और अब प्रदेश भर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में जबरदस्त गिरावट आई है, जोकि 41 फीसदी के आस पास पहुंची है.
ऑक्सीजन की डिमांड बढ़ने पर सिलेंडर की कीमत दोगुनी हुई थी
लगातार घट रहे मरीजों के कारण ऑक्सीजन की मांग घटकर 30 मेट्रिक टन प्रतिदिन हो गई. पहले मांग बढ़ने पर छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर 80 रुपये की बजाय 160 रुपये में मिल रहा था. बड़ा ऑक्सीजन सिलेंडर 200 की बजाय 400 में मिल रहा था. अभी तक प्रदेश में 28 ऑक्सीजन प्लांट थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ रही हैं. बीते दिनों मोदीनगर में प्रदेश के सबसे बड़े ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ हुआ. यहां 150 टन ऑक्सीजन प्रतिदिन बनेगी. वहीं बरेली, गोरखपुर, आगरा ,मुरादाबाद में भी ऑक्सीजन प्लांट शुरू होंगे, फिलहाल आगे ऑप्शन की मांग बढ़ने पर भी किल्लत नहीं होगी. ऑक्सीजन प्लांट भी प्रदेश भर में अलग-अलग स्थानों पर लगा लिए गए हैं. जिससे भविष्य में ऑक्सीजन की किल्लत नहीं होगी.