कानपुर – उत्तर-प्रदेश के कानपुर में दिल्ली नेशनल हाइवे के किनारे कुछ ऐसे गांव हैं,जहां लड़कों की शादी नहीं हो रही है। सुनने में भले ही आपको अजीब लग रहा हो, लेकिन यह सच है। इतना ही नहीं इसके पीछे का कारण यकीन मानिए आपको हैरत में डाल देगा।इन गांवों का नाम है बदुआपुर,पनकी पड़ाव,जमुई व सरायमिता यहां के लोग गंदगी व दुर्गंध से परेशान है। गांवों इन समस्यायों की वजह है कानपुर नगर निगम का सॉलिड वेस्टेज कूड़ा प्लांट। कूड़ा प्लांट इन गांवों से सटा हुआ है,जिसकी वजह से गांव में गंदगी,दुर्गंध व बीमारियां फैली रहती है।इसके कारण कोई भी अपनी लड़की की शादी इस गांव में नहीं करना चाहता है।
कूड़ा प्लांट की गंदगी से गांव में दुर्गंध व बीमारियां फैल चुकी है।जिसके कारण लडकों की शादी नही हो रही है। गांव के लोगों का कहना है कि रिश्ते वाले तो गांव के लड़के देखने के लिए खूब आते है, लेकिन जब वो कूड़ा प्लांट व उससे फैली गांव में गंदगी दुर्गंध को देखते है तो वापस हो जाते है।इतना ही नही इन गांवो के ज्यादातर लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में है तो वे रिश्ता करने के लिए तैयार नहीं होते हैं।आलम यह है कि कई लोगों की शादी तय होने के बावजूद टूट चुकी है।
गांव के सैकड़ो लड़के कुँवारे ही घूम रहे है। गांव के ही एक महिला का कहना है कि उनको कूड़ा प्लांट की वजह से दमे की बीमारी है और उनका बेटा शादी के लायक है,लेकिन इस बीमारी और गंदगी के कारण उसकी शादी नहीं हो पा रही है। जब इस मामले में नगर आयुक्त संतोष शर्मा से बात की गई तो उन्होंने गोल मोल जबाब देते हुए कहा कि कूड़ा बहा डंप्प होता है लेकिन आज पास के लोगों का हेल्थ कैम्प लगाएंगे कह कर अपनी जिम्मेदारी निभा दी।
कानपुर नगर निगम का यह सॉलिड वेस्टेज कूड़ा प्लांट इन गांवों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।ग्रामीणों का कहना है कि वो कूड़ा प्लांट की समस्या को लेकर शासन से प्रशासन तक गुहार लगा चुके है।लेकिन इन ग्रामीणों को केवल आश्वासन ही मिला है आज तक इनकी समस्यायों का निदान नही हुआ।ग्रामीण आज भी आस लगाए बैठे है कि शायद कोई चमत्कार हो और उनकी ये समस्याएं दूर हो जाये।ताकि कोई उनके लड़को को लड़की देने को तैयार हो जाये।
रिपोर्ट – दिवाकर श्रीवास्तव