अयोध्या। महापौर के प्रयासों की बदौलत नगर निगम में शामिल 41 गांवों में कर निर्धारण व राजस्व वसूली की प्रक्रिया को निरस्त कर दिया गया है। गांधी सभागार स्थित नगर निगम बोर्ड की बैठक में यह प्रस्ताव नेता सदन अशोका द्विवेदी ने उठाया। जिसका पूरे सदन ने समर्थन किया। प्रस्ताव पास हुआ कि जब तक नगर निगम के मानक के अनुसार विकास नहीं होगा तब तक राजस्व वसूली नहीं जायेगी। नगर आयुक्त ने भी इस पर अपनी सहमति व्यक्त की। इस दौरान नगर निगम की कार्यकारिणी का भी गठन हुआ।
महापौर ऋषिकेश उपाध्याय ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार अंतिम व्यक्ति के उत्थान के प्रति संकल्पित है। हमारी प्राथमिकताओं में गरीबों का विकास है। एक बेहतर प्लान के साथ पूरे नगर निगम का विकास किया जा रहा है। केन्द्र व प्रदेश सरकार ने इसके लिए योजनाओं की श्रंखलाएं प्रदान की है। पयर्टन को बढ़ावा देने के लिए श्रद्धालुओं को सभी अपेक्षित सुविधाओं को प्रदान करने लिए हम संकल्पित है। पयर्टन के विकास से रोजगार सृजन की सम्भावनाओं को संबल मिलेगा। जिसका लाभ अगल बगल के जनपदों को भी मिलेगा।
उन्होने बताया कि नगर निगम में शामिल 41 गांवों को पहले विकसित किया जायेगा। यहां के नगर निगम के मानक के अनुसार सभी सुविधाएं प्रदान की जायेगी। इसके बाद कर निर्धारण की प्रक्रिया प्रारम्भ की जायेगी। कर निर्धारण की प्रक्रिया में जनभावना व जनता की राय का विशेष ध्यान दिया जायेगा।
नगर निगम के जनसम्पर्क अधिकारी राम किशोर यादव ने बताया कि बोर्ड की बैठक में नेता सदन अशोका द्विवेदी ने 41 गांवों में कर निर्धारण की प्रक्रिया उठाने के बाद इन गांवों में नगर निगम के मानक के अनुसार विकास होने तक राजस्व वसूली को निरस्त करने का प्रस्ताव दिया। नगर निगम के सभी पार्षदों ने इस पर अपना समर्थन व्यक्त किया। विकास के बाद दुबारा परिसीमन किया जायेगा। जिसके बाद कर निर्धारण की प्रक्रिया प्रारम्भ होगी।
नगर आयुक्त विशाल सिंह ने इसके उपर अपनी सहमति व्यक्त की। उन्होने बताया कि बैठक के अन्य प्रस्ताव में कार्यकारिणी का गठन भी किया गया। जिसमें बृजेन्द्र बहादुर सिंह, रामनन्दन तिवारी, महंत अनुज दास, गरिमा मौर्या, जगत नारायन यादव, फरीद कुरैशी को शामिल किया गया।

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