पूर्व भारतीय खिलाड़ियों को लेकर आखिरकार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बड़ा कदम उठाया है। अपने नए सविधान के तहत बीसीसीआई ने भारतीय क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता दे दी है। बीसीसीआई के मुताबिक भारतीय क्रिकेट एसोसिएशन पूर्व खिलाडियों को हितों की रक्षा के लिए बनाया गया है।

बीसीसीआई के फैसले से पहले भारत और पाकिस्तान दो ही ऐसे देश थे जहां पूर्व खिलाड़ियों के हितों के लिए कोई संस्था नहीं थीं। हालांकि दूसरे देशों में ऐसी संस्था सभी खेलों से जुड़े हुए खिलाड़ियों के लिए होती है लेकिन भारत के मौजूदा खिलाड़ियों को भी इसमें शामिल किया गया है। अभी भारतीय क्रिकेट एसोसिएशन को फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेट एसोसिएशन से मान्यता मिलना भी बाकी है।

इस समय वर्ल्ड कप विजेता टीम के कैप्टन कपिल देव, पूर्व तेज गेंदबाज अजित अगरकर और महिला टीम की पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी भारतीय क्रिकेट एसोसिएशन के निदेशक हैं। जब तक नए चुनाव नहीं हो जाता है ये तीनों निदेशक अपने पद पर बने रहेंगे।

भारतीय क्रिकेट एसोसिएशन को लोडा कमेटी की सिफारिशों के तहत मान्यता मिली है. लोडा कमेटी की सिफारिशों में पूर्व खिलाड़ियों के हितों की रक्षा के लिए एक संस्था होने की वकालत की गई थी। भारतीय क्रिकेट एसोसिएशन को अपने काम-काज के लिए खुद ही फंड जुटाना होगा। हालांकि बीच-बीच में बीसीसीआई की ओर से भी आईसीओ को कुछ फंड मुहैया करवाए जाते रहेंगे।

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