नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि सरकार द्वारा शुरुआत में ही लॉकडाउन लगा देने से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिली। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी से निपटने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। उन्होंने कोरोना वायरस की वृद्धि दर दिखाते एक ग्राफ के साथ ट्वीट में कहा, ‘लॉकडाउन जल्दी लगा दिया गया जिससे कोरोना वायरस के मामले तेजी से नहीं बल्कि सपाट तरीके से बढ़े।’ ग्राफ में दिखाया गया कि 20 मार्च को कोरोना मामलों की वृद्धि दर 30 प्रतिशत से अधिक थी जो मई के पहले सप्ताह से करीब पांच प्रतिशत बनी हुई है। कोरोना महामारी के मद्देनजर स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से निजी क्षेत्रों को जोड़कर उचित मूल्य पर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने को कहा है।
मंत्रालय ने कहा है कि अस्पताल, आइसीयू बेड, वेंटीलेटर और ऑक्सीजन की सुविधा वाले बेड की कमी की खबरें आ रही हैं। कोरोना मरीजों के इलाज में अधिक पैसे लेने की रिपोर्ट भी मिल रही हैं। ऐसे में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को निजी क्षेत्र के अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं को जोड़ कर मरीजों को उचित मूल्य पर इलाज की व्यवस्था करनी चाहिए। मंत्रालय ने यह भी कहा कि कुछ राज्यों ने इस दिशा में पहल भी किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उप सचिव सारंग धर नायक को जिला स्तर पर मौजूद कोरोना के इलाज संबंधी सुविधाओं के प्रसार के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। आरटीआइ कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने इस संबंध में जानकारी मांगी थी। मंत्रालय ने सोमवार को जारी आदेश में कहा है कि नोडल अधिकारी इस संबंध में सूचनाएं एकत्र कर मंत्रालय की वेबसाइट पर डालेंगे, जैसा कि केंद्रीय सूचना आयोग ने निर्देश दिया है।