महाराष्ट्र – पीएम नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन के लिए ब्राजील रवाना होने से पहले मंगलवार दोपहर बाद कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई, जिसमें महाराष्ट्र के ताजा राजनीतिक हालात को लेकर चर्चा हुई. राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने एक दिन पहले एनसीपी को सरकार बनाने का न्यौता दिया था और उन्हें समर्थन पत्र दिखाने के लिए 24 घंटे का समय दिया था. 24 घंटे की यह डेडलाइन आज यानी मंगलवार शाम को खत्म हो रही है.
इससे पहले महाराष्ट्र के राजभवन ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की सिफारिश की अटकलों को खारिज किया था, जबकि कुछ मीडिया रिपोर्ट में खबर आई थी कि राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने मंगलवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर दी है. एक दिन पहले ही राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने एनसीपी को सरकार बनाने का न्यौता दिया था।
एनसीपी से पहले राज्यपाल ने बीजेपी और शिवसेना को अलग-अलग सरकार बनाने का न्यौता दिया था. बीजेपी ने सरकार बनाने से इनकार कर दिया था, जबकि शिवसेना ने 24 घंटे की और मोहलत मांगी थी. राज्यपाल ने शिवसेना को मोहलत देने से इनकार करते हुए तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर दिया. एनसीपी को सरकार बनाने के लिए 24 घंटे में समर्थन पत्र जुटाने को कहा गया है.
एनसीपी को राज्यपाल का न्यौता मिलने से सभी राजनीतिक दल भौंचक रह गए हैं. अब तक शायद ही किसी राज्यपाल ने तीसरे नंबर की पार्टी को सरकार बनाने का न्यौता दिया हो. राज्यपाल के न्यौते के साथ ही राज्य की राजनीति में सरगर्मियां भी बढ़ गई हैं. कांग्रेस ने अपने तीन वरिष्ठ नेताओं केसी वेणुगोपाल, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल को मुंबई रवाना कर दिया है. बताया जा रहा है कि वहां कांग्रेस के तीनों नेता एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बात करेंगे.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बताया, एनसीपी और कांग्रेस ने चुनाव पूर्व गठबंधन किया था. इस कारण महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर जो भी निर्णय होगा, वो सामूहिक होगा. एनसीपी से हमारी बातचीत जारी है और हम केवल एक बार आगे बढ़ेंगे, जब उनके साथ चर्चा की जाएगी.
रिपोर्ट – न्यूज नेटवर्क 24 डेस्क