लखनउ। कांग्रेस पर योगी सरकार ने फिर शिकंजा कसा है। इस बार आजमगढ़ में तरवां के बांसगांव में शुक्रवार को मारे गए प्रधान के परिवार वालों से मिलने से कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल को रोक लिया गया। प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू, राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया, पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी, पूर्व मंत्री आरके चौधरी और अनुसूचित जाति विभाग अध्यक्ष आलोक प्रसाद पासवान अभी आज़मगढ़ सर्किट हाउस में ही हैं। सर्किट हाउस पुलिस छावनी तब्दील हैं। जिला प्रशासन ने पुलिस तैनात कर दिया है।
आपको बता दें कि बासगांव प्रधान सत्यमेव जयते पप्पू की शुक्रवार की शाम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना से आक्रोशित गांव के लोग बोगरिया में सड़क जाम कर रहे थे। इसी दौरान मची भगदड़ में एक वाहन की चपेट से 12 वर्षीय बालक की मौत हो गई थी। इसके बाद लोगों का आक्रोश बढ़ गया। पुलिस चौकी के पास लोगों ने आगजनी की थी और पुलिस ने हवाई फायरिग की थी।
पोस्टमार्टम के बाद प्रधान का शव आते ही कोहराम मच गया। प्रधान के घर पर गांव के लोगों की भीड़ जमा हो गई। लोग अब भी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। परिवार वालें प्रधान के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, लड़की का एडमिशन केंद्रीय विद्यालय में कराने के साथ ही अभियुक्तों की गिरफ्तारी और असलहा के लाइसेंस की मांग कर रहे हैं। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि पुलिस की टीम जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लेगी। डीएम ने कहा की प्रधान के परिवार को असलहा का लाइसेंस दिया जाएगा। घटना को लेकर तीन मुकदमा दर्ज हुआ है। प्रधान की हत्या के मामले में पुलिस चौकी पर तोड़फोड़ के मामले दुर्घटना के मामले में सभी घटनाओं की जांच की जा रही है।
आजमगढ़ में तरवा के बासगांव में शनिवार की शाम हुई प्रधान की हत्या के मामले में पुलिस ने पत्नी की तहरीर पर 4 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। चौकी पर आगजनी करने वाले अज्ञात लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। शनिवार की दोपहर पुलिस अधीक्षक, जिला अधिकारी ने पीड़ित परिवारों को आर्थिक मदद दी। प्रधान के परिजनों को 10 लाख की आर्थिक सहायता दी गई। वहीं दुर्घटना में मारे गए 12 वर्ष के बालक के परिजनों को 5 लाख की आर्थिक सहायता दी गई।