काठमांडू। आपने बच्चों का जन्म तो देखा ही होगा। लेकिन नेपाल में जन्में गौरव की पीठ पर तीसरा हाथ निकल आया था। इस कंडीशन को स्पाइना बिफिडा के नाम से जाना जाता है। इसके चलते गौरव का लेटना मुश्किल होता जा रहा है। और इसे हटाने के लिए अब सर्जरी का सहारा लेना पड़ेगा, जिसमें बच्चा पैरालाइज्ड भी हो सकता है।
लोग बताते है भगवान का रूप
गौरव के जन्म से ही इस परेशानी के वजह से जूझ रहा है। और गौरव को उसके परिवार वालों ने अपने साथ हिंदू कम्युनिटी वाले तनाहुन डिस्ट्रिक्ट में रहते है। इसके वजह से उसका सीधे लेटना मुश्किल हो गया है। और उसके कपड़े भी नहीं फिट होते है। उसके पेरेंट्स ने बताया कि डॉक्टर्स ने उसकी पैदाइश के पांच दिन अंदर ही उसे दोबारा हॉस्पिटल बुलाया था।
हालात सही न होने से
आर्थिक हालात के चलते उसे हॉस्पिटल नहीं ले जाया जा सका गया। लिहाजा शुरू में उसे डॉक्टरी सलाह नहीं मिली। पेरेंट्स बच्चे का इलाज ओझा से करा रहे थे। जो उसे भगवान का रूप बता रहा था। और डॉक्टर के पास ले जाने से मना कर रहा था। ओझा ने उसके पेरेंट्स से कहा था कि, बच्चे का तीसरा हाथ भगवान का दिया हुआ है, और इसे सहेजकर रखो।
मां का कहना
गौरव की मां ने बताया कि, गांव के बाकी लोग भी बच्चे को भगवान का रूप बताते और उसे पैसे चढ़ाकर जाते थे। और अब जब बच्चे को हॉस्पिल ले गए तो डॉक्टर्स चेकअप के लिए बच्चे को एडमिट कराने को कह रहे और ऑपरेशन की जरूरत बता रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि पीठ पर निकले इस हाथ को अगर हटाया नहीं गया तो स्पाइनल कॉड में परेशानी बढ़ सकती है।
डॉक्टर्स ने क्या कहा
स्पाइना बिफिडा नाम की बीमारी 1500 बच्चों में से किसी एक में देखी जाती है। डॉक्टर्स ने कहा कि सर्जरी के दौरान भी स्पाइनल कॉड को नुकसान पहुंचने और पैरालाइज्ड होने का खतरा हो सकता है। अब गौरव की फैमिली के लिए तय करना मुश्किल हो गया है कि वो ऑपरेशन कराएं या नहीं।
क्या है स्पाइना बिफिडा
इस बीमारी में अलग से हाथ या पैर उगना रेयर होता है। गर्भ के पहले महीने में जब भ्रूण का स्ट्रक्चर तैयार होता है, तो उस प्रक्रिया में आने वाली खराबी से ऐसी स्थिति बनती है। शरीर के विकास के साथ इनका रूप जैसे-जैसे बिगड़ता है, ये स्पाइनल कॉड को डैमेज करती है और व्यक्ति पैरालाइज भी हो सकता है।