नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) विवाद पर केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली का अद्यतन बयान आया है। अपने बयान में जेटली ने कहा कि सरकार आरबीआई को आगे भी सलाह देती रहेगी। उन्होंने कहा कि आरबीआई ऐक्ट के सेक्शन 7 के तहत सरकार को यह अधिकार प्राप्त है कि वह सार्वजनिक हित के मुद्दे पर आरबीआई को सीधे-सीधे निर्देश दे सकती है, जिसे रिजर्व बैंक मानने से इनकार नहीं कर सकता है।

मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, मोदी सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के खिलाफ आरबीआई ऐक्ट, 1934 के तहत केंद्र सरकार को मिले इस अधिकार का इस्तेमाल किया है। आरबीआई ऐक्ट के सेक्शन 7 के तहत सरकार को यह अधिकार प्राप्त है कि वह सार्वजनिक हित के मुद्दे पर आरबीआई को सीधे-सीधे निर्देश दे सकती है, जिसे आरबीआई मानने से इनकार नहीं कर सकता है।

उर्जित पटेल दे सकते है इस्तीफा- इस बीच, आशंका जताई जाने लगी है कि सरकार और आरबीआई के बीच खटास बढ़ सकती है। आशंका यह भी जताई जाने लगी है कि आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल इस्तीफा दे सकते हैं। वित्तमंत्री ने कहा-एक्ट के तहत आरबीआई की स्वायतत्ता सुरक्षित है। आरबीआई और सरकार के बीच आगे भी चर्चा होती रहेगी।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ऐक्ट, 1934 की धारा 7 कहती है कि केंद्र सरकार सार्वजनिक हित के लिए अनिवार्य मानते हुए बैंक के गवर्नर से मशविरे के बाद समय-समय पर इस तरह के निर्देश दे सकती है। इस मामले में एक्सपट्र्स का कहना है कि सेक्शन 7 के इस्तेमाल के बाद केंद्रीय बैंक के पास अपनी मर्जी से फैसले करने की गुंजाइश बहुत कम रह जाती है।

सरकार के इस कदम के बाद एक डर यह भी है कि अब आगे की सरकारें आरबीआई के साथ छोटे-छोटे मुद्दों पर भी मतभेद होने पर इस सेक्शन का इस्तेमाल करते हुए अपना अजेंडा थोपने लगेंगी। प्रेक्षकों का कहना है कि सरकार का यह फैसला आने वाले समय में देश की स्वतंत्र एवं स्वायत्त संस्थाओं के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है।

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