संविधान दिवस के अवसर पर भी राजनीतिक दलों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने इस खास दिन पर सरकार पर हमला करते हुए कहा कि मुसलमानों, दलितों या आदिवासियों के साथ किए गए संवैधानिक वादे के साथ अक्सर धोखा किया जाता रहा है.
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने संविधान दिवस पर ट्वीट करते हुए कहा कि 26 नवंबर 1949 को हमारे बुजुर्गों ने भारतीय संविधान को अंगीकार किया. संविधान सपनों का एक दस्तावेज है जो हमारे बुजुर्गों ने हमारे लिए देखा था. लेकिन इसे पुरुषों द्वारा शासन को कानून के शासन से बदल दिया गया. पहली बार, एक औपचारिक पाठ ने हमें न केवल राज्य की ज्यादतियों से, बल्कि बहुसंख्यकवाद से भी बचाया था.
अन्याय को हराने का हथियार है संविधानः ओवैसी
उन्होंने अपने एक अन्य ट्वीट में कहा कि हालांकि इस संवैधानिक वादे के साथ अक्सर धोखा दिया गया है. खासकर बात जब मुसलमानों, दलितों या आदिवासियों की हो. लेकिन यह अभी भी लड़ने लायक है. उन समुदायों के लिए जिन्हें ऐतिहासिक रूप से सत्ता तक पहुंच से बाहर रखा गया है, संविधान हमें अन्याय को हराने के लिए हथियार देता है.
इस अवसर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि न्याय और अधिकार सबके लिए एक समान होने चाहिए ताकि संविधान सिर्फ कागज ना बन जाए- ये हम सबकी जिम्मेदारी है. देश के संविधान दिवस पर सभी को शुभकामनाएं.
संसद के सेंट्रल हॉल में मना संविधान दिवस
इससे पहले संसद के सेंट्रल हॉल में संविधान दिवस पर आज शुक्रवार को कार्यक्रम आयोजित किया गया लेकिन कांग्रेस समेत 14 विपक्षी दलों ने इसका बहिष्कार किया और इससे दूरी बनाए रखी. कांग्रेस के शामिल नहीं होने पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से देश की सबसे पुरानी पार्टी पर निशाना साधा गया. बीजेपी और अमित मालवीय समेत कई नेताओं ने इसे अंबेडकर का अपमान बताया.
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि कांग्रेस, लेफ्ट, टीएमसी, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, शिवसेना, एनसीपी, आईयूएमएल और डीएमके सहित 14 दलों ने सेंट्रल हॉल में ‘संविधान दिवस’ समारोह का बहिष्कार किया है. नेहरू जयंती कार्यक्रम के दौरान हंगामा करने वाली कांग्रेस अब बहिष्कार का नेतृत्व कर रही है. यह डॉक्टर अंबेडकर का अपमान है.
संविधान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को बधाई देते हुए कहा, ‘देशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. इस विशेष दिन पर, डॉ. अंबेडकर के 4 नवंबर 1948 को संविधान सभा में दिए गए भाषण का एक अंश शेयर कर रहा हूं, जिसमें उन्होंने मसौदा समिति द्वारा तय किए गए प्रारूप संविधान को अपनाने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया.’

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