goldन्यूज नेटवर्क 24 प्रतिनिधि
देश में सोने के दाम गिरने के बावजूद उसकी खरीदारी नहीं हो रही है। बताया जा रहा है कि सोने के दाम पिछले दिनों गिरकर 29 हजार 500 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गए लेकिन इसके बावजूद इसकी बिक्री गिरकर आधी हो गई है। सोने के दामों में यह गिरावट रुपये के डॉलर के मुकाबले मजबूत होने से हुई। 2012 में सोने के दामों में अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में भारी गिरावट आई और यहां तक 1200 डॉलर से भी नीचे चला गया लेकिन भारत में इतनी गिरावट नहीं आई क्योंकि यहां सरकार ने सोने पर 10 प्रतिशत तक का आयात टैक्स लगा दियाण् इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपया काफी गिर गयाण् फिर भी सोने के दाम यहां भी गिरे। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन हरेश सोनी ने कहा कि पिछली जनवरी के मुकाबले मार्केट डाउन हैण् ग्राहक सोना खरीदने के बारे में बहुत सतर्क हैं, अन्य चीजों की महंगाई के कारण भी लोग सोने के गहने खरीदने से बच रहे हैं। कारोबारियों का यह भी कहना है कि बाजार में कच्चे माल की भारी कमी है। सरकार ने सोने की सप्लाई पर प्रतिबंध लगा रखा है जिससे ज्वेलरों को परेशानी आ रही है उनके पास सोना बहुत कम है। उन्होंने यह भी मांग की कि अब बजट का घाटा काफी कम हो गया है तो सरकार सोने की सपलाई पर लगे प्रतिबंध को हटाए ताकि कारोबार सुचारू रूप से चल सकेण् उन्होंने कहा कि सोने पर से इम्पोर्ट ड्यूटी तत्काल हटाई जाए इससे कारोबारियों को परेशानी हो रही है। सोने की बिक्री कम होने का एक और कारण यह है कि युवा पीढ़ी के लोग अब सोने की ज्वेलरी की बजाय महंगे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट खरीदना पसंद कर रहे हैं।

 

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