इंग्लैंड के डोमिनिक सिब्ली ने वेस्टइंडीज के खिलाफ मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट के चौथे दिन रविवार को गलती से गेंद पर लार का इस्तेमाल कर दिया, जिसके बाद मैदानी अंपायर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नए दिशानिर्देशों के तहत उसे डिसइंफेक्टेड (कीटाणुरहित) करना पड़ा। आईसीसी के कोविड-19 दिशानिर्देशों के तहत यह पहला मौका है जब किसी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के दौरान अंपायरों ने गेंद को सैनिटाइज करने के लिए हस्तक्षेप किया।

ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर यह घटना लंच से ठीक पहले घटी। वेस्टइंडीज की पारी के 42वें ओवर में अंपायर माइकल गफ को कीटाणुरहित करने के लिए गेंद के दोनों तरफ एक टिश्यू पेपर रगड़ते हुए देखा गया था। सिब्ली ने जैसे ही गेंद पर लार का इस्तेमाल किया तभी इंग्लैंड की टीम ने इस बारे में खुद ही अंपायरों को बताया।

आईसीसी के नियम के तहत खिलाड़ी गेंद पर सिर्फ पसीने का इस्तेमाल कर सकते हैं। लार से इस वायरस के फैलने का खतरा ज्यादा है इसलिए सभी खिलाड़ियों को इसका इस्तेमाल करने से मना किया गया है। उल्लेखनीय है कि सभी खिलाड़ी दशकों से गेंद पर लार का इस्तेमाल करते आए हैं।

सिब्ली की इस गलती पर उन्हें कोई दंड नहीं दिया गया है। आईसीसी के नियम अनुसार टीम को पहले दो बार चेतावनी दी जाएगी अगर वह फिर भी नियमों का उल्लंघन करते हैं तो टीम के खाते से पांच रन काट लिए जाएंगे। टि्वटर पर सिब्ली की इस गलती पर फैन्स ने कुछ इस तरह से रिऐक्ट किया।

भारतीय स्पिन दिग्गज अनिल कुंबले की अध्यक्षता वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर गेंद को चमकाने के लिए लार के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी जिसे लागू कर दिया गया था।आईसीसी के नए नियमों के तहत मैचों का आयोजन जैव सुरक्षित माहौल हो रहा है, जिसमें गेंद को चमकाने के लिए सिर्फ पसीने का इस्तेमाल किया जा सकता है। नए नियमों के अनुसार अनजाने में लार के इस्तेमाल पर गेंदबाजी करने वाली टीम को चेतावनी दी जाएगी। टीम को दो चेतावनियों के बाद पांच रन का दंड दिया जाएगा।

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