विकास दुबे के साथ घटना में शामिल 11 फरार गुर्गों की तलाश में एसटीएफ ने देर रात कई स्थानों पर छापेमारी की। जिन लोगों के रिश्तेदारों को पूछताछ के लिए उठाया गया उन्हें पूछताछ के लिए छोड़ दिया गया। गुर्गों की कुछ लोकेशन मिलने पर एसटीएफ ने वहां पर भी छापेमारी की मगर फिलहाल कुख्यात के साथ घटना में शामिल लोगों की जानकारी नहीं मिल सकी है।

बिकरू गांव आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद एफआईआर में विकास दुबे के अलावा अमर दुबे, अतुल दुबे, प्रेम कुमार, प्रभात मिश्रा, बउवा, हीरू, शिवम, जिलेदार, राम सिंह, उमेश चन्द्र, गोपाल सैनी, अखिलेश मिश्रा, विपुल, श्यामू बाजपेई, राजेन्द्र मिश्रा, बाल गोविंद, दयाशंकर अग्निहोत्री शामिल थे। जिसमें अब तक पुलिस विकास दुबे, अमर, अतुल, प्रेम कुमार, प्रभात और बउआ को मुठभेड़ में मार गिराया है। जो बचे हुए अपराधी है उनकी तलाश में एसटीएफ ने बीते दिनों कानपुर देहात, औरैया और झांसी में एक साथ दबिश ऑपरेशन चलाया था। जिसमें एक दर्जन लोगों को उठाकर पूछताछ की मगर उनसे कुछ नहीं मिला। सात लोगों को फिलहाल छोड़ दिया गया है।

इधर एसटीएफ को इन गुर्गों के कुछ और सुरक्षित स्थानों के बारे में जानकारी मिली। जहां पर रविवार की देर रात छापेमारी की गई। इसमें सचेंन्डी और उसके आसपास के गांव शामिल थे। एसटीएफ ने यहां से भी दो तीन लोगों को उठाकर फरार गुर्गों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है। सूत्रों के अनुसार अभी एजेंसी को कुछ मिल नहीं सका है जिससे फरार गुर्गों की गिरफ्तारी हो सके।

250 नंबर सर्विलांस पर, 50 की हो रही लिसनिंग 
गुर्गों को पकड़ने के लिए टीम ने 250 नम्बरों को सर्विलांस पर लिया हुआ। उनकी ट्रेकिंग की जा रही है। इसके अलावा 50 नम्बरों को लिसनिंग पर लिया गया है। जिनके नम्बर सुने जा रहे हैं वह सभी गुर्गों के सम्पर्क में रहने वाले लोग है। पुलिस को संदेह है कि फरार गुर्गे इनके सम्पर्क में हैं।

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.