नयी दिल्ली। भारत ने 290 किलोमीटर तक लक्ष्य को भेद सकने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का आज नौसेना के नवीनतम विध्वंसक आईएनएस कोलकाता से सफल परीक्षण किया। गोवा के तट से किया यह परीक्षण त्रुटिरहित रहा और यह मिसाइल अपने सभी निर्धारित मानकों पर खरी उतरी। आईएनएस कोलकाता की सबसे अधिक ब्रह्मोस मिसाइलें दागने की क्षमता है। उसे 16 अगस्त, 2014 को नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया था। रक्षा सूत्रोंं ने बताया कि जहां सामान्यत: एक जहाज की आठ मिसाइलें दागने की क्षमता होती है वहीं आईएनएस कोलकाता ताबड़तोड़ 16 ब्रह्मोस मिसाइलें दाग सकता है। यह इस श्रेणी का पहला (जंगी) जहाज है तथा दो ऐसे और जहाजों पर काम चल रहा है। ये तीनों जहाज मुख्य लड़ाकू हथियार के रूप में ब्रह्मोस मिसाइल से लैस हैं। इन जहाजों पर उपयोग में लाए जा रहे यूनिवर्सल वर्टिकल लांचर (यूवीएलएम) का अनोखा डिजायन है और उसे ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा विकसित एवं पेटेंट कराया गया है। एक सरकारी बयान में बताया गया है कि यूवीएलएम में स्टील्थ के फायदे हैं और वह किसी भी दिशा में मिसाइल को उध्र्वाधर दागने की इजाजत प्रदान करता है। ब्रह्मोस प्रमुख सुधीर मिश्रा ने इस सफल मिशन पर अपनी टीम एवं नौसेना को बधाई दी। इस मिसाइल को पहले ही सेना और नौसेना में शामिल कर लिया गया है और अब उसका वायुसेना संस्करण परीक्षण के अंतिम चरण में है।