मध्य प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने पॉर्न वीडियो सर्कुलेट करने के लिए ओवर द टॉप (OTT) मीडिया सर्विस लॉन्च की थी। इनके गैंग में पाकिस्तानी व्यक्ति भी शामिल है। पिछले दिनों इंदौर में एक मॉडल की शिकायत के बाद साइबर सेल पुलिस ने तहकीकात शुरू की तो एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ, जो अडल्ट फिल्मों के कारोबार में जुटा था।

इंदौर पुलिस साइबर सेल की ओर से गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दीपक सैनी (30) सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और ग्वालियर का रहने वाला है। उसका साथी केशव सिंह (27) मोरेना का रहने वाला है। तीन अन्य आरोपियों को पुलिस ने 10 अगस्त को गिरफ्तार किया था, जबकि सात फरार हैं। इन सभी पर आईटी एक्ट 2000 की धारा 66 और 67 के तहत केस दर्ज किया गया है। मीडिया सर्विस का मेंटिनेंस हुसैन अली करता था, जोकि पाकिस्तान का रहने वाला है। पुलिस ने कहा कि अभी उसके खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया है। पुलिस इस अपराध में उसकी भूमिका की अभी जांच कर रही है।

इंदौर साइबर सेल के एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया, ”सैनी और सिंह एक अश्लील फिल्म के लिए डिस्ट्रीब्यूटर को 5 लाख रुपए देते थे और वे सब्सक्रिप्शन के चार्ज के जरिए कमाई करते थे। केंटेंट में अश्लीलता के अलग-अलग स्तर के मुताबिक चार्ज भी अलग-अलग। बेसिक सब्सक्रिप्शन चार्ज 249 रुपए प्रतिमाह रखा गया था। केवल एक साल में उन्होंने अपने प्लैटफॉर्म पर 84 फिल्म रिलीज की थी।”

एसपी ने आगे कहा, ”यह मामला तब सामने आया जब इंदौर की एक मॉडल ने 25 जुलाई को इंदौर साइबर सेल में एक शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि तीन लोगों ने एक मशहूर OTT प्लैटफॉर्म के लिए वेबसीरीज में अभिनय के लिए उसे साइन किया था। आरोपियों ने एक फार्म हाउस में मॉडल के बोल्ड सीन शूट किए और बाद में इन्हें अलग-अलग पॉर्न साइटों पर अपलोड कर दिया। मॉडलिंग एजेंसी चलाने वाले मिलिंद दवार के खिलाफ कुछ और महिलाओं ने भी शिकायत की। खुद को इन फिल्मों का डायरेक्टर बताने वाले ब्रिजेंद्र गुर्जर, कैमरामैन अंकित छावड़ा और पांच अन्य को 10 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया।”

साइबर सेल के एसपी ने बताया, जांच में पता चला कि आरोपी मॉडल्स को फेमस वेब सीरीज में रोल दिलाने का लालच देते थे और अश्लील फिल्मों शूट करते थे। इसके बाद वे फिल्मों को मुंबई में रहने वाले अशोक सिंह और विजयानंद पांडे को बेच देते थे, जोकि इन अडल्ट फिल्मों के डिस्ट्रीब्यूटर हैं।”

गिरफ्तारी के बाद दीपक सैनी और केशव सिंह ने स्वीकार किया कि वे अपराध में शामिल हैं और दीपक मई 2019 में हुसैन अली के संपर्क में आया, जब वह फ्रीलांसर वेबसाइट और एप्लीकेशन डिजाइनर के रूप में काम कर रहा था। सिंह ने कहा, ”अली ने उसे OTT प्लैटफॉर्म लॉन्च करने में गाइड किया। दीपक और केशव ने वैसा ही किया जैसा अली ने उन्हें करने को कहा। अली को प्लैटफॉर्म के मेंटिनेंस के लिए हर महीने 30-40 हजार रुपए दिए जाते थे।”

अब पुलिस दीपाक से पूछताछ कर रही है कि हुसैन अली से उनका किस तरह का कनेक्शन है और कितने लोग इसमें शामिल हैं। एसपी ने कहा कि वे डिस्ट्रीब्यूटर अशोक सिंह और विजयानंद पांडे के अलावा पांच अन्य को गिरफ्तार करने की कोशिश में हैं, जो फिल्मों की शूटिंग के दौरान ब्रिजेंद्र गुर्जर की मदद करते थे।

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