नेपाल में सत्ता साझेदारी पर नये समझौते के लिये प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के कार्यकारी प्रमुख पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के बीच गुरुवार को हुई बातचीत बेनतीजा रही। सत्तारूढ़ पार्टी की 45 सदस्यीय स्थायी समिति की एक अहम बैठक की पूर्व संध्या पर पार्टी के दोनों शीर्ष नेताओं के बीच यह बातचीत हुई।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पद से इस्तीफा देने या एनसीपी का अध्यक्ष पद छोड़ने, दोनों से ही इनकार कर रहे हैं। पार्टी के अध्यक्ष ओली, प्रचंड और पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने गुरुवार को बालूवाटार में प्रधानमंत्री आवास पर एक अनौपचारिक बैठक की।

स्थाई समिति के सदस्य गणेश शाह ने कहा कि हालांकि, तीनों नेता किसी समझौते पर पहुंचने में नाकाम रहे। इससे पहले, प्रधानमंत्री ओली और असंतुष्ट समूह का नेतृत्व कर रह रहे प्रचंड अपनी-अपनी मांगों पर अड़े रहे। हाल के हफ्तों में कम से कम आठ दौर की वार्ता होने के बाद भी सत्ता साझेदारी पर पहुंचने में ओली और प्रचंड नाकाम रहे।

शुक्रवार को होने वाली स्थायी समिति की बैठक में 68 वर्षीय प्रधानमंत्री के राजनीतिक भविष्य पर निर्णय होने की संभावना है। ओली ने आरोप लगाया है कि भारत की मदद से उन्हें पद से हटाने की कोशिश की जा रही है। प्रचंड सहित पार्टी के नेताओं ने प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि भारत विरोधी उनकी हालिया टिप्पणी ना तो राजनीतिक रूप से सही है और ना ही कूटनीतिक रूप से उपयुक्त है।वे ओली के कामकाज करने की निरंकुश शैली के भी खिलाफ हैं।

प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने भी कहा कि बातचीत बेनतीजा रही, जबकि नेताओं ने करीब दो घंटे बैठक की। नेपाली मीडिया के मुताबिक एनसीपी की 45 सदस्यीय स्थायी समिति में प्रचंड के गुट को 30 से अधिक सदस्यों का समर्थन प्राप्त है।

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