कोरोना वायरस के चलते जनता कर्फ्यू के बाद अब लॉकडाउन में लोग फंस रहे है। कार्यक्रमों पर इसका असर पड़ रहा है। कुछ लोग तो शादियां टाल रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों ने तय तिथि से पहले ही बारात लाकर शादी कर ली।
शहर के मोमीननगर में शादी की तिथि 28 मार्च तय थी। एक बारात शहर के ही लिसाड़ी गेट इलाके के इस्लामनगर से आनी थी। दूसरी बारात मुरादाबाद के कांठ से आनी थी। इस्लामनगर से दुल्हा पक्ष के लोगों ने तय तिथि को टालते हुए दुल्हन पक्ष से बातकर चंद लोगों के साथ आकर सोमवार शाम को निकाह की रस्म करा ली और दुल्हन को ले गए।
अब मुरादाबाद के कांठ से दुल्हा पक्ष के लोगों ने दुल्हन पक्ष के लोगों से बात की और कहा कि वह मुरादाबाद में लॉक डाउन लागू होने के कारण नहीं आ सकते। बारात तो नहीं आएगी, लेकिन जिस भी दिन आने की अनुमति मिलेगी, वह कुछ लोगों के साथ आकर निकाह कराकर दुल्हन को ले जाएंगे।
बता दें कि जनता कर्फ्यू के बाद प्रदेश के कुछ शहरों में कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉक डाउन लागू कर दिया। कुछ शहरों में 25 मार्च तो कुछ शहरों में 31 मार्च तक इसे लागू किया गया है
दो दूल्हों को लौटाया, शादी की तारीख टली :
कोरोना को लेकर उपजे हालात ने सोमवार को दो दूल्हों के अरमानों पर पानी फेर दिया। नेपाल में शादी के लिए बारात लेकर जा रहे इन दूल्हों को सीमा सील होने के कारण नेपाली प्रशासन ने रोक दिया। काफी मनुहार के बाद भी जब बात नहीं बनी तो दोनों को बैरंग वापस होना पड़ा। फिलहाल दोनों शादियों की तिथि टाल दी गई। गोरखपुर के कैम्पियरगंज निवासी रफीक अहमद की शादी सोमवार को नेपाल के भैरहवा में होनी थी। सोनौली में रफीक बारात लेकर पहुंचा। सीमा पर नेपाली प्रशासन की ओर से लगाए गए बैरिकेडिंग के पास पहुंच शादी का हवाला देते हुए नेपाल जाने की अनुमति मांगी। काफी मनुहार और बातचीत के बाद भी बात नहीं बनी। सीमा सील होने का हवाला देकर नेपाली प्रशासन ने उसे प्रवेश नहीं दिया, जिससे वह लौटने को मजबूर हो गया।
इसी बीच महराजगंज निवासी महमूद आलम बारात लेकर सोनौली नो मेंस लैंड पर पहुंच गया। सोमवार को इसकी शादी नेपाल के कपिलवस्तु के पडरिया में होनी थी। इस बारात को भी नेपाली प्रशासन ने एंट्री नहीं दी। इसके बाद महमूद भी मायूस होकर बैरंग लौटने को विवश हो गया।