वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी तनाव के चलते पूर्वी लद्दाख में तैनात सेना के चार डिवीजन को अभी वापस नहीं बुलाया जाएगा। इनकी तैनाती लद्दाख में अग्रिम मोर्चो पर जारी रहेगी। सेना के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। इन चार डिवीजन में करीब 32 हजार जवान हैं। उस क्षेत्र में पहले से तैनात जवानों के अतिरिक्त ये डिवीजन हाल में वहां भेजे गए थे।

सूत्रों ने कहा कि इसके कई कारण हैं। एक, एलएसी पर टकराव वाले कई क्षेत्रों से चीनी सेनाएं कुछ पीछे हटी हैं। लेकिन कई स्थानों पर अभी भी वे मौजूद हैं। दूसरे, चीनी सेनाएं एलएसी के निकटवर्ती इलाकों (चीन की तरफ) मौजूद हैं जिनकी संख्या 20 हजार से अधिक होने का अनुमान है। तीसरे, जिस प्रकार मई से लेकर अब तक चीन का पूरा रवैया इस मामले में सामने रहा है, यानी बार-बार वह पीछे हटने पर सहमति होता है लेकिन बाद में मुकर जाता है। उसके मद्देनजर चीन पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। इसलिए सेना अपनी तैयारियों में कोई चूक नहीं बरतना चाहती है।

सूत्रों ने कहा कि मौजूदा तैनाती किसी भी प्रकार की चुनौती से निपटने के लिए पर्याप्त है। यह तैनाती अभी जारी रहेगी। सूत्रों ने कहा कि पूरी सर्दियों के लिए तैयार की जा रही हैं। ज्यादातर तैयारियां पूरी भी हो चुकी हैं। इसके अलावा एलएसी के नजदीक के इलाकों में आने वाले वायुसेना के सभी स्टेशनों पर भी तैनाती जारी रहेगी।

चीन सीमा के निकटवर्ती क्षेत्रों में करीब 10-12 वायुसेना अड्डों को हाई अलर्ट पर रखा गया है तथा अतिरिक्त लड़ाकू विमानों की तैनाती की गई है। यह तैनाती भी अभी जारी रहेगी। सेना के सूत्रों ने इन खबरों को भी निराधार बताया कि एलएसी पर और सैनिकों की तैनाती की जाएगी। इस बीच पेंगोग क्षेत्र में जारी टकराव के मद्देनजर अगले सप्ताह सैन्य कमांडर स्तर की एक और बातचीत होने की संभावना है।

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