चार धाम देवस्थानम बोर्ड के एक जुलाई से यात्रा शुरू करने का तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने विरोध शुरू कर दिया है। सरकार पर तीर्थ पुरोहितों को विश्वास में लिए बिना ही फैसला लेने का आरोप लगाया। महापंचायत का तर्क है कि अभी चारों धामों में धरातल पर किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में सितंबर से पहले यात्रा को शुरू न किया जाए।

महापंचायत के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार ने साफ किया था कि 30 जून के बाद की स्थितियों को लेकर तीर्थ पुरोहितों से पहले बात होगी। उनका पक्ष लिया जाएगा, उसके बाद ही कोई अंतिम फैसला होगा। इसके बावजूद सरकार ने सीधे ही अपने स्तर पर फैसला ले लिया है। महापंचायत के महासचिव हरीश डिमरी ने कहा कि क्या चारों धामों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। क्या सरकार कोविड 19 को लेकर केंद्र सरकार की तय गाइड लाइन का पालन कराने की स्थिति में है।

कहा कि न डॉक्टर हैं, न ही फार्मासिस्ट। गौरीकुंड से केदारनाथ और जानकी चट्टी से यमुनोत्री तक पैदल मार्ग में डंडी कंडी, घोड़ा खच्चर समेत रहने और खाने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में सरकार किस आधार पर यात्रा शुरू करने की बात कर रही है। लोगों ने अभी तक अपने घरों, होटल, लॉज, धर्मशालाओं तक की मरम्मत, रखरखाव नहीं किया  है। ऐसे में कैसे यात्रा शुरू होगी।

अभी तक नहीं पहुंचे नायब रावल
महापंचायत अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल ने बताया कि अभी तक बदरीनाथ धाम में नायब रावल केरल से नहीं पहुंचे हैं। जबकि यात्रा शुरू हुए डेढ़ महीने होने जा रहा है। ऐसे में बीच में मुख्य रावल की तबियत खराब हो जाए, या कोई और दिक्कत हो, तो उस स्थिति में कैसे पूजा प्रक्रिया पूरी होगी। क्यों अभी तक देवस्थानम बोर्ड नायब रावल की मौजूदगी को सुनिश्चित नहीं कर पाया है।

सरकार बताए कि यदि हनुमान चट्टी, जानकी चट्टी क्षेत्र में कोई यात्री कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है, तो उसे क्वारंटाइन करने से लेकर उसके इलाज की वहां क्या व्यवस्था है। अस्पतालों में डॉक्टर तो दूर दवाई की एक गोली तक नहीं है। किस आधार पर सरकार एक जुलाई से यात्रा शुरू करने का दंभ भर रही है। – कृष्णकांत कोटियाल, अध्यक्ष चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत

बेहतर यही होगा कि सरकार दो महीने का इंतजार करे। सितंबर शुरू होने पर यदि कोरोना संक्रमण की स्थिति सुधरती है, तो यात्रा शुरू करने पर विचार करे। फिलहाज मौजूदा हालात यात्रा शुरू किए जाने के लिहाज से बेहतर नहीं हैं। – सुरेश सेमवाल, अध्यक्ष श्री पांच मंदिर समिति गंगोत्री धाम

धामों में न रहने, ठहरने, खाने का इंतजाम है। स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति भी बेहतर नहीं है। जो इस कोरेाना संक्रमण के समय सबसे अधिक दुरुस्त होनी चाहिए थी। डंडी, कंडी, घोड़ा, खच्चर वाले लोग भी नहीं हैं। – जगमोहन उनियाल, सचिव यमुनोत्री मंदिर समिति 

यात्रा शुरू नहीं की जानी चाहिए। इससे यात्रा मार्ग से जुड़े गांवों में संक्रमण का खतरा बढ़ेगा। यात्रा मार्ग पर अभी कोई व्यवस्था नहीं है। लोग भी यात्रा को पूरी तरह तैयार नहीं है। केदार सभा इसका विरोध करेगी। – विनोद शुक्ला, अध्यक्ष श्री केदार सभा

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