लखनऊ, 25 मई 2014 (आईपीएन)। मांगने पर भी काम उपलब्ध न होने जैसी मनरेगा श्रमिकों की शिकायतें दूर करने के लिए शासन ने अब हर महीने की पहली तारीख को रोजगार दिवस लगाने के निर्देश दिए हैं।
मनरेगा में जॉब कार्डधारक परिवारों से मजदूरी कराने के अपने नियम हैं। मांग करने पर एक परिवार को वर्ष भर में सौ दिन काम उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी ब्लॉक अधिकारियों की है। फिर भी अक्सर इस तरह की शिकायतें सामने आती रहती हैं कि श्रमिकों से काम नहीं कराया जा रहा है। काम कराने के बाद भुगतान न मिलना भी बड़ी समस्या है। श्रमिक इन समस्याओं के निदान के लिए ब्लॉक से लेकर जिला मुख्यालयों तक चक्कर लगाते रहते हैं। ऐसी कई शिकायतें शासन तक भी पहुंची हैं।
प्रदेश सरकार ने इस पर गंभीर रुख अपनाया है। सरकार ने अब प्रत्येक माह की पहली तारीख को ब्लॉक में रोजगार दिवस लगाने के निर्देश दिए हैं। इस कार्य में कोई शिथिलता न बरती जाए, इसके भी इंतजाम किए हैं। शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि एक तारीख को लगने वाले रोजगार दिवस में क्या कार्रवाई इसकी रिपोर्ट तीन तारीख तक शासन को भेजी जाए। अधिकारियों ने बताया कि रोजगार दिवस लगने से श्रमिकों को छोटी छोटी समस्याएं लेकर नहीं दौड़ना पड़ेगा। उन्हें मांग के अनुरूप काम भी आसानी से उपलब्ध कराया जा सकेगा।