यूपी सरकार ने तय किया है कि जब हाईस्कूल व इंटर के पास छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश के बाद ही लैपटॉप व टैबलेट मिलेगा
बोर्ड परीक्षा पास कर लेने से ही लैपटॉप और टैबलेट पर छात्र अपना हक नहीं जमा सकेंगे। लैपटॉप व टैबलेट पाने के लिए छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखनी होगी। जब तक अगली कक्षा में छात्र अपना प्रवेश नहीं ले लेंगे तब तक उन्हें यह उपकरण नहीं मिलेगा। समाजवादी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में हाईस्कूल के छात्रों को टैबलेट व इंटरमीडिएट के छात्रों को लैपटॉप फ्री देने की घोषणा की थी। प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने के बाद सपा सरकार अब इस महत्वकांक्षी योजना को अमलीजामा पहनाने में जुटी हुई है।
इस वर्ष यूपी बोर्ड का परीक्षा परिणाम भी बाकी बोर्ड से काफी अच्छा रहा। बोर्ड की परीक्षा में शामिल हुए कुल छात्रोंं में से 90 प्रतिशत छात्रों ने परीक्षा में सफलता हासिल की। परीक्षा परिणाम आने के साथ ही अब छात्रों की भीड़ शिक्षा विभाग में टैबलेट और लैपटॉप लेने के लिए उमडऩे लगी है। लेकिन उनको इस विषय में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही हैं। शिक्षा विभाग को भी सरकार की ओर से कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लैपटॉप और टैबलेट का वितरण जुलाई माह के बाद ही सम्भव है, उससे पहले इसका वितरण नहीं हो सकता। शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि सरकार का लैपटॉप और टेबलेट बांटने के पीछे मंशा है कि छात्रों के शिक्षा का स्तर बढ़े।
डीआईओएस उमेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि इस वर्ष जितने भी छात्र बोर्ड परीक्षा में पास हुए हैं, सभी को लैपटॉप और टैबलेट दिया जाएगा। इसके लिए सबसे बड़ी शर्त यह होगी कि छात्र को अपनी पढ़ाई जारी रखनी होगी, तभी उनको इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि हाईस्कूल परीक्षा पास करने वाले छात्रों को इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने के बाद ही टैबलेट दिया जाएगा। यहीं नियम इंटरमीडिएट के छात्रों पर भी लागू होगा, उन्हें भी अपने अगले कक्षा में निश्चित प्रवेश लेना होगा, तभी वह लैपटॉप के हकदार होंगे। डीआईओएस ने बताया कि जुलाई माह में होने वाले सभी प्रवेशों पर विभाग कड़ी नजर रखेगा। लैपटॉप व टैबलेट वितरण के लिए अगस्त माह में सभी विद्यालयों को आवेदन फार्म उपलब्ध कराएं जाएगें। इस आवेदन फार्म में विद्यालयों को छात्र की पिछली कक्षा के साथ ही नई कक्षा का पूरा विवरण देना होगा। इस आवेदन फार्म को प्रधानाचार्य और छात्र दोनों को प्रमाणित करना होगा।
यही प्रक्रिया इंटरमीडिएट छात्रों के साथ भी होगी, उन्हें भी अपने महाविद्यालय से आवेदन पत्र प्रमाणित कराकर शिक्षा विभाग को जमा कराना होगा। जिसमें महाविद्यलाय के प्रधानाचार्य द्वारा यह प्रमाणित कराना होगा की छात्र ने इस वर्ष इस विषय में प्रवेश लिया है। डीआईओएस ने बताया कि जो छात्र आगे पढ़ाई जारी नहीं रखेंगे उन्हें लैपटॉप व टैबलेट नहीं दिया जाएगा। साथ ही उन्होंने विद्यालयों को निर्देश दिया कि आवेदन फार्म में कोई भी गड़बड़ी सामने आई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
साभार कैनविज टाइम्स