ब्लैक होल के क्षेत्र में अमूल्य अनुसंधान करने वाले प्रख्यात वैज्ञानिक सी.वी. विश्वेश्वरैया का निधन हो गया। वह गुरुत्वीय तरंगों पर अनुसंधान करने वाली अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों की सामूहिक संस्था लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल वेव ऑब्जर्वेटरी (एलआईजीओ) साइंटिफिक कोलैबोरेशन से जुड़े हुए थे। एलआईजीओ से संबद्ध अनुसंधानकर्ताओं ने मंगलवार को विश्वेश्वरैया के निधन की जानकारी दी।

भारत में ‘ब्लैक होल मैन’ के रूप में मशहूर विश्वेश्वरैया का 78 वर्ष की आयु में सोमवार को बेंगलुरू में निधन हुआ। एलआईजीओ इंडिया ने अपने फेसबुक पेज पर यह जानकारी दी है।

अमेरिका में बस चुके भारतीय अनुसंधानकर्ता करण जानी ने बताया कि ‘विशू’ के नाम से पुकारे जाने वाले विश्वेश्वरैया का ब्लैक होल थ्योरी में योगदान इतना पुराना है, जब वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल नाम भी ईजाद नहीं किया था।

एलआईजीओ से संबद्ध करण ने कहा, “मेरीलैंड विश्वविद्यालय में स्नातक के छात्र के तौर पर 60 के दशक के आखिर में विश्वेश्वरैया ने तीन शोध-पत्र प्रकाशित करवाए थे, जिन्होंने ब्लैक होल को समझने का आधार तैयार किया। स्टीफेन हॉकिंग, रोजर पेनरोज जैसे वैज्ञानिक काफी बाद में ब्लैक होल से जुड़े अपने काम के साथ दुनिया के सामने आए।”

विश्वेश्वरैया ने बहुत ही अहम गणना पद्धति तैयार की, जिसका उपयोग कर एलआईजीओ ने 2015 में ब्लैक होल के संलयन से उठने वाली गुरुत्वीय तरंगों का पता लगाया था।

एलआईजीओ इंडिया ने अपने फेसबुक पेज पर विश्वेश्वरैया की एक तस्वीर साझा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। यह तस्वीर तब की है जब पहली बार तरंगों की उपस्थिति का पता चला था।

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