दिल्ली – नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में प्रदर्शन के दौरान दो गुटों के बीच हुई झड़प ने हिंसक रूप ले लिया। दोनों गुटों के बीच देसी बम फेंके गए और गोलियां भी चलाई गईं। पुलिस ने बताया कि झड़प के दौरान दो व्यक्तियों की मौत हो गई है, जबकि एक व्यक्ति घायल हुआ है। घायल व्यक्ति को तुरंत अस्पताल ले जाया गया।
अधिकारी ने बताया कि घायलों को मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। हिंसा की खबरें सामने आने के बाद नियंत्रण के लिए पुलिस की टीम को मौके पर भेजा गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि सीएए को लेकर जलंगी में दो समूहों के बीच बहस शुरू हो गई जो झड़प में बदल गई।

वहीं कोलकाता के पार्क सर्कस मैदान में धरने पर बैठी 60 मुस्लिम महिलाओं ने बुधवार को 23 वें दिन भी अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखा। इस मैदान को ‘कोलकाता का शाहीन बाग’ कहा जा रहा है। इनमें गृहणियों से लेकर पेशेवर महिलाएं तक शामिल हैं, जिनके वहां से हटने की फिलहाल कोई योजना नहीं दिख रही है।

धरने पर बैठी महिलाओं में से एक गृहिणी परवीन नजीर का मानना है कि इस प्रदर्शन की सबसे बड़ी ताकत यह है कि प्रदर्शनकारी किसी राजनीतिक समूह से जुड़े नहीं हैं। उसने कहा, ‘हमारी एकमात्र पहचान यह है कि हम भारतीय हैं, और हम महिलाएं हैं, जो किसी ताकत से नहीं डरती।’ भाजपा ने आरोप लगाए हैं कि ये प्रदर्शनकारी भारतीय नहीं, बल्कि घुसपैठिए हैं, जिसपर नजीर ने कहा कि हम कई पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं, सदियों से हिंदुओं के साथ दुर्गा पूजा समारोहों में भाग लेते आ रहे हैं। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, माकपा नेता मोहम्मद सलीम के अलावा कई गायक, रंगमंच कलाकार और सामाजिक कार्यकर्ता हाल के दिनों में इस स्थल का दौरा कर चुके हैं।

रिपोर्ट – भाषा इनपुट

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