डायबिटीज से लेकर वजन घटाने तक, करेले का सेवन यकीनन कई फायदों से भरा है। लेकिन हर किसी के लिए करेले का अत्याधिक सेवन सिर्फ फायदों से भरा हो, ऐसा जरूरी भी नहीं है। स्टाइलक्रेज वेबसाइट में विभिन्न शोधों के आधार पर जानें करेले का अधिक सेवन करने के ये साइड इफेक्ट जो आपको अब तक नहीं पता होंगे।करेले के रस में मोमोकैरिन नामक तत्व होता है जो पीरियड्स का फ्लो बढ़ा देता है। गर्भावस्था के दौरान इसका अधिक सेवन गर्भपात का कारण हो सकता है। कई बार यह गर्भावस्था के दौरान पीरियड्स की स्थिति भी पैदा कर सकता है। करेले में एंटी लैक्टोलन तत्व भी हैं जो गर्भावस्था के दौरान दूध बनने की प्रक्रिया में बाधा डालते हैं। न केवल गर्भावस्था बल्कि गर्भधारण की चाह रखने वाली महिलाओं और पुरुषों के लिए इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है। फर्टिलिटी से संबंधित दवाओं का असर करेले में मौजूद तत्व खत्म कर देते हैं। इसमें मौजूद एमएपी 30 नामक तत्व का कुत्तों पर किए गए परीक्षण में यह माना गया है लेकिन इसपर अभी काफी अध्ययन की आवश्यकता है।लिवर व किडनी के मरीजों के लिए के लिए इसका अत्याधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है। यह लिवर में एन्जाइम्स का निर्माण बढ़ा देता है जिससे लिवर प्रभावित होता है। करेले का बीज में लेक्टिन नामक तत्व है जो आंतों तक प्रोटीन के संचार को रोक सकता है। करेले के अत्याधिक सेवन से हेमोलाइटिक अनीमिया हो सकता है। इस स्थिति में पेट में दर्द, सिर दर्द, बुखार या कोमा जैसी समस्याएं हो सकती हैं।