कोरोना ने चीन के मुकाबले अमेरिका-यूरोपीय देश इटली, फ्रांस और स्पेन में ज्यादा तबाही क्यों मचाई, इसकी गुत्थी सुलझती नजर आ रही है। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के शोध से खुलासा हुआ है कि चीन से निकले वायरस ने तीन रूप बदले। यूरोप और अमेरिका में इसने ज्यादा जानलेवा रूप धारण कर एक लाख लोगों की जान ले ली।
कैंब्रिज के आनुवांशिक वैज्ञानिकों ने पूरी दुनिया में वायरस के अलग-अलग 160 नमूनों के जीनोम का रिकॉर्ड खंगाला। इससे इसकी तीन अलग-अलग वंशावली सामने आई, जिसे ए, बी और सी नाम दिया गया। वायरस चीन से बाहर रूप बदलकर घातक हो गया। इटली-स्पेन के नागरिकों में ऐसे संक्रमण झेलने की उतनी प्रतिरोधी क्षमता नहीं थी, जितनी चीन के लोगों में थी। चीन में सार्स, मर्स जैसे वायरस ने हमला किया है, लिहाजा वहां कम कहर बरपा।
चीन से अलग: शोधकर्ताओं ने कहा, कोरोना के जिस रूप ने ब्रिटेन को निशाना बनाया, वह चीन में वायरस के नमूने से अलग था। ब्रिटेन में यह सिंगापुर, दक्षिण कोरिया या हांगकांग से आया। कोरोना सिंगापुर और जर्मनी से इटली पहुंचा, पर बदले रूप में उसने इटली में ज्यादा विनाशलीला दिखाई।
वहीं अमेरिका में वायरस का शुरुआती संक्रमण ए टाइप का था, जो चीन से आया था। पर बाद में यूरोप से इसका घातक नमूना वहां पहुंचा, जिससे वहां भी रिकॉर्ड मौतें हो रही हैं। 24 दिसंबर 2019 से चार मार्च 2020 तक कई देशों से 160 वायरस जीनोम के नमूनों का यह अध्ययन जनरल प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित हुआ।