वाराणसीः श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के पूर्व सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ललिताघाट पर गेरूआ वस्त्र धारण कर पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। गंगा में पुष्प अर्पित कर भगवान सूर्य को जल देने के बाद प्रधानमंत्री पूरे आस्था के साथ कलश में गंगा जल भर पैदल ही जेटी पर पहुंचे। यहां गीला वस्त्र बदलने के बाद नया वस्त्र परम्परागत धोती, कुर्ता, रेशमी दुपट्टा धारण कर प्रधानमंत्री कार से गंगाजल कलश लेकर मंदिर चौक तक गये।
फिर डमरूओं के निनाद के बीच लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में हाजिरी लगाई। अपने संकल्प को मूर्त रूप लेने पर प्रधानमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बेहद खास रेवती नक्षत्र और रवि महायोग में आदि विशेशर के पावन ज्योर्तिलिंग पर गंगा जल सहित पवित्र नदियों के जल से जलाभिषेक किया। उनके प्रति अपार आस्था दिखाई।
श्री काशी विद्वत परिषद के मार्गदर्शन में मंदिर के अर्चक पं.श्रीकांत मिश्र,डॉ नागेन्द्र पांडेय, पं.ओमप्रकाश मिश्र आदि ने मंत्रोच्चार के बीच बाबा का षोडशोपचार पूजन प्रारम्भ कराया। पूजन अर्चन के बाद प्रधानमंत्री को गर्भगृह के बाहर चैक पर शिवसंकल्प सूक्त का संकल्प दिलाने का कार्यक्रम तय था। प्रधानमंत्री ने बाबा से राष्ट्र उन्नति, विश्व कल्याण, के लिए मानस प्रार्थना की। फिर खास नक्षत्र में प्रधानमंत्री के धाम को राष्ट्र के लिए समर्पित करने का समय निश्चित था।
काशीश्वरं सकलभक्तजनातिहारं
विश्वेश्वरं प्रणतपालनभव्यभारम्।
रामेश्वरं विजयदानविधानधीरं
गौरीश्वरं वरदहस्तधरं नमाम:।।#KashiVishwanathDham https://t.co/OHdPklKamd— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 13, 2021