मथुरा: हाथरस में जतीय दंगा कराने की साजिश में गिरफ्तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के पांचों सदस्यों की मंगलवार की दोपहर बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिला न्यायालय एडीजे प्रथम कोर्ट में पेशी होगी. सुरक्षा के लिहाज से पीएफआई के पांचों सदस्यों को न्यायालय नहीं लाया जाएगा. पिछले साल 5 अक्टूबर को पुलिस ने पीएफआई के इन पांचों सदस्यों को गिरफ्तार किया था. इन पर देशद्रोह जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है.

एडीजे प्रथम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी

पीएफआई के सदस्य अतीकुर्रहमान, आलम, मसूद, सिद्दीकी और छात्र विंग संगठन के महासचिव रऊफ शरीफ की एडीजे प्रथम कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देशद्रोह के मामले में पेशी होगी. ये सभी राजद्रोह, सांप्रदायिक हिंसा और विदेशों से फंडिंग के मामले में जिला कारागार में बंद हैं. इस संगीन मामले में लखनऊ एसटीएफ की टीम जांच कर रही है.
बहुचर्चित किशोरी कांड हाथरस
दरअसल, चंदपा कोतवाली क्षेत्र के गांव बूलगढ़ी में हुए कथित गैंगरेप व पीड़िता की मौत के बाद देश भर में हंगामा हुआ था. इसी बीच मथुरा पुलिस ने पीएफआई संगठन के चार सदस्यों को मांट क्षेत्र से पकड़ा गया था. पूछताछ के दौरान यह पता चला कि इन सदस्यों की हाथरस में जतीय दंगा कराने की साजिश थी. पुलिस को मनी फंडिंग के कुछ सुबूत भी मिले थे. चारों सदस्यों के पास से जस्टिस फॉर हाथरस पंपलेट लैपटॉप मोबाइल सामग्री बरामद की गई थी, जोकि हाथरस में जाकर संप्रदाय हिंसा फैलाना चाहते थे. इसी आधार पर चंदपा पुलिस ने इन सभी पीएफआई सदस्यों पर देशद्रोह जैसी संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था.
प्रकाश में आया मास्टरमाइंड का नाम
मांट टोल प्लाजा पर गिरफ्तार किए गए पीएफआई के चार सदस्यों से एसटीएफ की टीम ने सघनता से पूछताछ की तो रऊफ शरीफ का नाम प्रकाश में आया था, जोकि विदेशों से फंडिंग कराता था. फिलहाल रऊफ शरीफ को एडीजे प्रथम कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जिला कारागार में भेज दिया है. आज लखनऊ एसटीएफ की टीम पीएफआई सदस्यों के खिलाफ अहम दस्तावेज न्यायालय में पेश कर सकती है. दोपहर बाद एडीजे प्रथम की कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीएफआई के पांचों सदस्यों की पेशी होगी.

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