लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में पूरे आत्मविश्वास के साथ इस बार महिलाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने 40 प्रतिशत महिलाओं के लिए विधानसभा में सीट सुरक्षित करने का फैसला लिया है। उन्होंने इस बार साफ करते हुए कहा योग्य महिलाओं को पार्टी चुनाव मैदान में उतारेंगी। उन्होंने इस बार जातीय समीकरण को तोड़ कर उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। 403 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस की ओर से 161 महिलाओं को टिकट देने का फैसला लिया है।
बता दें प्रियंका उत्तर प्रदेश में किसना मुद्दे हो या महिलाओं के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश की सरकार को हमेशा घेरने का काम किया है। हाथरस में दलित युवती के साथ हुई हैवानियत मामले में उन्होंने धरातल पर उतर कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिया। वहीं ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान महिला ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने द्वारा साड़ी खींचने के सवाल पर भी उन्होंने धरातल पर उतर कर पीड़ित के हक की आवाज उठाई थी।
अभी हाल ही में उन्होंने लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत पर पीड़ित परिजनों से मिला कर न्याय की लड़ाई लड़ने का भरोसा दिया तथा मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की। ऐसे में प्रदेश में महिलाओं के प्रति उनकी सक्रियता बढ़ी है। जमीन पर उतर कर उन्होंने योगी सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उनके आज के फैसले से महिलाओं की भागीदारी उत्तर प्रदेश में बढ़ेगी। आज सत्ता के नाम राजनीति में घृणा और नफरत का बोलबाला है।महिलाओं के करूणा भाव होता है, उनमेंद्दढ़ता भी होती है और वह अहम निर्णय सहजता से ले सकती है। पिछले दिनों लखीमपुर खीरी जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनके काफिले को सीतापुर में बीच रात में घेर लिया गया। अंधेरी रात में मुझे दो महिला कांस्टेबल मधु और पूजा के साथ पीएसी कैंप ले जाया गया।
उनकी सुबह चार बजे तक ड्यूटी थी। वहां एक महिला अधिकारी भी थी जिसकी बीमार मां नोएडा में अकेली रहती है। ऐसे में समझा जा सकता है कि समाजके प्रति कतर्व्य निर्वहन में महिलाएं पीछे नहीं है। समता और भागीदारी की राजनीतिके लिये महिलाओं को आगे बढना पड़ेगा।