मध्य प्रदेश के चित्रकूट में 3 दिवसीय हिंदू एकता महाकुंभ शुरू हो गया है. चित्रकूट पहुंचे श्री चिन्ना जीयर स्वामी ने कहा- हमें अपने धर्मक्षेत्र की रक्षा और उसका शोभामयी प्रदर्शन बेहद जरूरी है, ये हर हिंदू का कर्त्तव्य है. ये दर्शन करने वाले लोगों को दिखाना जरूरी है. भारतभूमि का हर एक कण महत्वपूर्ण है, यहां का जल, भूमि, पेड़-पत्थर और लोग सभी महत्वपूर्ण है. हमें इन्हें एक रखना होगा इसी के जरिए हमें दूसरों की मान्यता भी प्राप्त होगी.
उन्होंने आगे कहा, “स्वामी रामभद्राचार्य और यहां मौजूद बाकी संतों से भी मैं कहना चाहता हूं कि इस देश में रहने वाले जितने भी भक्ति पंथ हैं उनकी शुरुआत महान संत रामानुजाचार्य महाराज ने किया था. उन्होंने जाति-कुल से ऊपर जाकर सबसे पहले हरिजनों को भी मंदिर में दर्शन करने का हक़ दिया था. अब 1000 साल बाद उन महान संत को याद करते हुए हैदराबाद में हमने उनकी पंच धातु प्रतिमा का निर्माण कराया है. उस धर्म संसद में भी संघ प्रमुख मोहन भागवत विशेष अतिथि रहेंगे, राष्ट्रपति कोविंद वहां रामानुजाचार्य की स्वर्ण प्रतिमा का अनावरण करेंगे.”
संघ प्रमुख ने दिलाई शपथ
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हिंदू एकता महाकुंभ में हिंदू समाज को एक रहने को कहा. यहां उन्होंने देवताओं और राक्षसों की एक कहानी का भी उल्लेख किया और कहा कि पूरे समाज को अहंकार भूलकर और स्वार्थ छोड़कर अपनों के लिए काम करना होगा. उन्होंने आगे सभी को शपथ दिलाई. उन्होंने संतों समेत सभी को प्रतिज्ञा लेने को कहा.
इस संकल्प में उन्होंने कहा, “मैं हिंदू संस्कृति का धर्म योद्धा प्रभु राम की संकल्प स्थली पर सर्व शक्तिमान परमेश्वर को साक्षी मानकर संकल्प लेता हूँ कि मैं अपने पवित्र हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति और हिंदू समाज के संरक्षण, संवर्धन और सुरक्षा के लिए आजीवन काम करूंगा. मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि किसी भी हिंदू को हिंदू धर्म से विमुक्त नहीं होने दूंगा. जो धर्म छोड़कर चले गए हैं उनकी भी घर वापसी के लिए काम करूंगा. मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि हिंदू बहनों की सुरक्षा सम्मान के लिए सब कुछ अर्पण करूंगा. मैं जाति, पंथ से ऊपर उठकर अपने समाज को समर्थ बनाने के लिए पूरी शक्ति से काम करूंगा.”

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