पंजाब‍ में सियासी बवाल खत्‍म होने का नाम नहीं ले रहा है. कृषि कानूनों और प्रदेश कांग्रेस में छिड़े घमासान के बाद अब बीएसएफ (BSF) का दायरा बढ़ाने पर वहां की राजनीति गर्मा गई है. एक तरफ पंजाब (Punjab) के मुख्‍यमंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई है, वहीं कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने इसे सही फैसला करार दिया है. दरअसल, केंद्र गृह मंत्रालय ने बुधवार को तीन राज्यों में सीमा सुरक्षा बल का क्षेत्राधिकार बढ़ाया है. जिसमें पंजाब भी शामिल है.
केंद्र सरकार के इस कदम का पंजाब के मुख्‍यमंत्री समेत कई नेताओं ने विरोध किया है. इसपर कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘कश्मीर में हमारे जवान मारे जा रहे हैं. हम लगातार देख रहे हैं क‍ि पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के द्वारा पंजाब में अधिक से अधिक हथियार और नशीले पदार्थ भेजे जा रहे हैं. बीएसएफ की अतिरिक्‍त उपस्थिति एवं ताकत हमें और ज्‍यादा मजबूत करेगी.’ विरोधियों पर निशाना साधते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘केंद्रीय सशस्त्र बलों को राजनीति में न घसीटें.’
अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘राष्‍ट्रीय सुरक्षा के मामले में पक्षपातपूर्ण सोच नहीं रखनी चाहिए. यहीं बात मैंने सर्जिकल स्‍ट्राइक के समय में भी कही थी और आज भी कह रहा हूं. जब देश की सुरक्षा ताक पर हो तो राजनीति से ऊपर उठकर सोचना चाहिए. आज एक बार फिर देश की सुरक्षा खतरे में है.’
पंजाब के CM ने गृह मंत्रालय के फैसले का किया विरोध
इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने ट्वीट करके केंद्र सरकार के द्वारा बीएसएफ को बॉर्डर से सटे 50 किलोमीटर के दायरे में मामले दर्ज करने और गिरफ्तारियां करने जैसे अधिकार दिए जाने और बीएसएफ का दायरा बढ़ाए जाने की निंदा की है और इसे देश के फेडरल सिस्टम पर हमला करार दिया है.
इसके साथ ही चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्र सरकार से मांग की है कि जल्द ही इस आदेश को वापिस लिया जाए. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैं भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं जिसमें अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार दिए गए हैं. ये फेडलेरिज्म पर सीधा हमला है. मैं गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह करता हूं कि इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए.’
सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी केंद्र सरकार पर साधा निशाना
वहीं पंजाब के डिप्टी सीएम (गृह मंत्रालय के इंचार्ज) सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार को पंजाबियों की राष्ट्रीयता पर कोई शक है और इस तरह का आदेश जारी करके भारत सरकार ने पंजाब के लोगों की देशभक्ति पर प्रश्न चिन्ह लगाए हैं. सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि 1971 के युद्ध के बाद 16 किलोमीटर तक बॉर्डर पर हुए नुकसान को देखते हुए उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 16 किलोमीटर के दायरे तो केंद्रीय फोर्सेज को सौंपने की बात कही थी जिसे बाद में प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने घटाकर पहले 8 किलोमीटर किया और उसके बाद ये दायरा 5 किलोमीटर कर दिया गया था.
क्‍या है नया आदेश?
पंजाब में अब बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया गया है. इसका मतलब, सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ तलाशी अभियान, गिरफ्तारी और जब्‍ती कर सकती है. इसके लिए बीएसएफ को किसी की इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी.

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