अमृतसर रेल हादसे में 60 शव मिले 100 लोगों के मारे जाने की आशंका है। पटरी पर खड़े थे लोग, दोनों ट्रैक पर एक साथ आ गई ट्रेन, बचने का नहीं मौका ही नहीं मिला
अमृतसर में आज रावण दहन काल बन कर आया। पटाखों का शोर मौत की चीखों में बदल गया। मौत की एक्सप्रेस ने सैकडों परिवारों के चिराग बुझा दिये। पंजाब में अमृतसर के निकट शुक्रवार शाम रावण दहन देखने के लिए रेल की पटरी पर खड़े लोगों के ऊपर ट्रेन चढ़ने से कम से कम 100 लोगों के मारे जाने की आशंका है। ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोडा फाटक पर यह हादसा हुआ। मौके पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे।
दोनों ट्रैक पर एक साथ आ गई ट्रेन
अमृतसर के प्रथम उपमंडलीय मजिस्ट्रेट राजेश शर्मा ने बताया कि अ भी 50 शवों को बरामद किया गया है और कम से कम 50 लोगों के मारे जाने की खबर है और कम से कम 50 घायलों को एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं प्रत्यदर्शियों के अनुसार करीब 250 लोगों के मारे जाने की आशंका है। अधिकारियों ने बताया कि रावण के पुतले को आग लगाने और पटाखे फूटने के बाद भीड़ में से कुछ लोग रेल की पटरियों की ओर बढ़ना शुरू हो गए जहां पहले से ही बड़ी संख्या में लोग खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। उन्होंने बताया कि उसी वक्त दो विपरीत दिशाओं से एक साथ दो ट्रेनें आई और लोगों को बचने का बहुत कम समय मिला। उन्होंने बताया कि एक ट्रेन की चपेट में कई लोग आ गए।
पटाखों की आवाज के चलते ट्रेन की आवाज नहीं सुनी
अमृतसर से दिल्ली के लिए रवाना हुई हावड़ा और जालंधर से अमृतसर को आ रही डीएमयू रेलगाडियां एक साथ दोनों ट्रैक पर आगई। बताया जा रहा है कि रावण दहन दौरान चल रहे पटाखों की आवाज के कारण लोगों को रेलगाड़ी आने का पता नहीं चला जिसके कारण लगभग 30 लोगों की कटने से घटना स्थल पर ही मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शी बहुजन समाज पार्टी के नेता तरसेम सिंह भोला ने बताया कि रेल लाईनों पर सैंकड़ो लोग खड़े थे जो रेलगाड़ी की चपेट में आए हैं। उन्होंने बताया कि घटना के समय रेलवे फाटक भी खुला हुआ था। रेलगाड़ी धड़ाधड़ गुजर गई। उन्होने बताया कि मरने वालों की संख्या काफी अधिक हो सकती है। पुलिस तथा जिला प्रशासन ने घटना स्थल पर पहुंच कर बचाव कार्य शुरू कर दिया है। घायलों को अस्पताल भेजा जा रहा है।