अपने मां-बाप, बहन और पत्नी की हत्या के आरोप में पकड़े गए आतिश केसरवानी से जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस को बताया कि करीब एक महीने से वह काफी परेशान था। इस बीच उसने अपने दोस्त अनुज श्रीवास्तव से मदद मांगी। अनुज ने राय दी थी कि परिवार के सभी लोगों को रास्ते से हटा दो तो सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी। उसकी प्रेमिका भी मिल जाएगी और जायदाद भी उसकी होगी।

करीब 15 दिन पहले अनुज से उसकी बातचीत हुई। अनुज ने कहा था कि काम हो जाएगा लेकिन इसके लिए पैसे लगेंगे। आतिश तैयार हो गया। आठ लाख रुपये में सौदा हुआ। आतिश ने कहा कि उसके अकाउंट में केवल 65000 रुपये हैं। बाकी पैसा वह बाद में देगा। 10 हजार आतिश ने अनुज को कैश दिया और अपना एटीएम कार्ड दे दिया। अनुज ने उसके बैंक खाते से 65000 रुपये निकाल लिए। इस दौरान एक व्यक्ति आकर उसकी दुकान से ही चाकू खरीद कर ले गया था, जिससे वारदात को अंजाम दिया गया।

पुलिस को उसने बताया कि अनुज ने ही अपने मामा राजकरन श्रीवास्तव और एक भाड़े के शूटर को हायर किया। बुधवार को अनुज ने जानकारी दी कि गुरुवार को काम हो जाएगा। गुरुवार दोपहर में कॉल करके अनुज ने कहा कि दोपहर एक बजे एक युवक घर में जाएगा उसकी इंट्री करा देना। ठीक 1:15 बजे एक अंजान व्यक्ति दुकान में पहुंचा और गेट खटखटाया।

पहले से तैयार आतिश ने दरवाजा खोल दिया और उस कातिल को लेकर अपने गोदाम में छिपा दिया। वहीं चाकू और अन्य सामान रखा था। इसके बाद वह कमरे से बाहर निकल गया। पीएसी गेट तक गया जहां पर अनुज और उसके मामा मिले। कुछ देर बाद उसे कॉल करके बताया गया कि काम हो गया है। करीब 3:30 बजे वह घर लौटा। बाहर से कॉलबेल बजाने का नाटक करता रहा। थोड़ी देर बाद किराएदार की मदद से पता चला कि दरवाजा नहीं खुल रहा है। फिर उसने लात मार के दरवाजा खोला। अंदर पहुंचा तो पिता का खून से लथपथ शव पड़ा था। आगे मां और बहन की लाश थी ऊपर पत्नी मरी पड़ी थी।

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