उत्तर प्रदेश में चल रही 69 हजार शिक्षक की भर्ती में आ ज सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई। आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर ऑर्डर रिजर्व हो गया है। आज इस मुद्दे पर हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में राम शरण मौर्य सहित पांच केस टैग थे। बता दें, शिक्षामित्र राम शरण मौर्य ने उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जारी कटऑफ को चुनौती दी है। आज सुनवाई पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षकारों के वकीलों से तीन दिन के अंदर रिटर्न सबमिशन करने के लिए कहा है।
आज की बहस के दौरान भी कटऑफ का मुद्दा प्रमुखता से रहा। शिक्षामित्रों की तरफ से वकीलों ने अपनी बहस में इसी मुद्दे पर जोर दिया। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर एएसजी ऐश्वर्या भाटी, उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने बहस की। इसके अलावा इस मुद्दे पर आज वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, राजीव धवन, के वी विश्वनाथन, केटीएस तुलसी, पीएस पटवालिया ने भी बहस की।
शिक्षक भर्ती में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से एक जून को 67867 चयनित अभ्यार्थियों की लिस्ट जारी की जा चुकी है। चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग के दिन ही स्टे लग गया था, तब से यह प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पाई है। आज इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई तीसरी बार की। आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस यूयू ललित की बेंच में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई के दौरान भी कोर्ट में शिक्षामित्रों की तरफ से वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने बहस की। उन्होंने कहा बीएड अभ्यर्थियों को बाहर किए जाने सहित शिक्षामित्रों के कटऑफ अधिक का मुद्दा उठाया।
वहीं, बीएड अभ्यर्थियों की तरफ से बहस कर रहे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कटऑफ के मुद्दे को सही बताया। उन्होंने बीएड अभ्यर्थियों को लेकर अन्य कई तरह के तर्क रखें। इसके अलावा उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पक्ष रखते हुए एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि अगर 40 और 45 पर कटऑफ रखी जाती है, तो बहुत अभ्यर्थी पास होते। कोर्ट ने जब 60 और 65 को सही करने के बारे में पूछा, तो उन्होंने बताया कि इस शिक्षक भर्ती में शामिल कुल तीन लाख 94 हजार अभ्यर्थियों में से 96.2 फीसदी अभ्यर्थी पास हो रहे हैं।