लखनऊ. बरिगवांधाम बालाजी मंदिर में प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को बढती भक्तो की भीड़ यह बताने को पर्याप्त है कि बालाजी महाराज के इस दरबार से वे कभी खली हाथ नहीं लौटे.बालाजी कि कृपा से उनकी हर मनौती यहाँ पूरी हो रही है. इस दरबार के बारे में एक कहावत प्रचलित है –बरिगवां धाम दरबार में ,भरी भीड़ अपार .बालाजी के दर्शन करें,मंगल व शनिवार.
हम बात कर रहे है राजधानी लखनऊ में कानपूर रोड स्तिथ बरिगवां धाम बालाजी मंदिर की.स्वयंभू विराजमान श्री हनुमानजी (बाल्यरूप) का यह अति प्राचीन मंदिर है.मंदिर से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस स्थान को त्रेता युग में भगवन शिव ने स्वयं अपने आराध्य श्रीराम का सुमिरन करने के उद्देश्य से स्थापित किया था.श्री बालाजी के अनन्य भक्त सदगुरुदेव विनोदजी महाराज ने वर्ष १९७८ में 01 जनुअरी को मंदिर का जीर्णोधार कराया एवं श्री बालाजी कल्याण समिति का गठन कर मंदिर के कार्यकलापो को आगे बढाया.
महंत विनोदजी महाराज के अनुसार बालाजी कि कृपा पाने को लोग दूर-दूर से यहाँ आते है.उनकी सभी शारीरिक,मानसिक,आर्थिक बाधाएं दरबार के आशीर्वाद से दूर होती है.इतना ही नहीं प्रेत बाधा.उपरी हवा से पीड़ित भी बड़ी संख्या में हर मंगलवार, व शनिवार को बालाजी महाराज जी की हाजिरी लगाते है.जिससे उन्हें तत्काल इस परेशानी से मुक्ति मिलती है.
बरिगवांधाम बालाजी मंदिर कि एक महत्वपूर्ण विशेषता यह भी है कि निसंतान दम्पतियों को यहाँ पूरी श्रद्धा ,विश्वास के साथ हाजिरी लगाने और सदगुरुदेव विनोदजी द्वारा बताये गए उपायों का पालन ,दिव्य अमृत जल का सेवन से बालाजी महाराज कि कृपा उन पर बरसती है और संतान की प्राप्ति होती है.
आजादनगर निवासी जीतेन्द्र प्रकाश ने बताया कि बालाजी कि अनुकम्पा से ही उन्हें अपने विवाह के ८ वर्षो बाद भी संतान सुख मिला .मंदिर में कई वर्षो से सेवा कार्य कर रहे शिव कुमार ने बताया कि जब वे पहली बार बालाजी दरबार आये थे तो उस समय उनके आर्थिक हालात बहुत बुरे थे.काम बंद हो गया था.पर बालाजी ने ऐसी कृपा की कि आज खुद का प्रिंटिंग प्रेस चला रहे है.
Report- Amit Chawla