न बैंड बाजा न बरात, साथी भी बस पांच और हो गई शादी। हाईकोर्ट के अधिवक्ता अशोक कुमार सिंह कलहंस ने कोरोना महामारी के दौरान अनूठी शादी रचा कर एक मिसाल पेश कर दी। परिवार वालों व रिश्तेदारों ने वीडियो कॉलिंग से वर-वधू को आशीर्वाद दिया।
लॉयर्स वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अशोक ने सोमवार को प्रयागराज के सृजन बिहार झलवा स्थित अपने घर में महज पांच लोगों की मौजूदगी में अग्नि को साक्षी मानकर राजलक्ष्मी सिंह को अपनी जीवन संगिनी स्वीकार किया। शादी में उनके बड़े भाई और दो मित्रों तथा विवाह कराने वाले पुरोहित के अलावा वर पक्ष का और कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था। अशोक मूलत: बस्ती के ग्राम सुमही पोस्ट गौर के रहने वाले हैं।
तीन भाइयों में सबसे छोटे अशोक के पिता आजाद सिंह का काफी पहले स्वर्गवास हो चुका है। शादी के दौरान परिवार से सिर्फ बड़े भाई राजेश कुमार सिंह ही आए थे। वह लखीमपुर खीरी में जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। शादी में भाग लेने वह लखीमपुर से ही सीधे प्रयागराज पहुंचे।
दरअसल अशोक की शादी लॉकडाउन से ठीक पहले देवरिया के साहनपुर कोठा गांव के शंकर सिंह की बेटी राजलक्ष्मी सिंह के साथ तय हुई थी। लॉक डाउन के कारण शादी की तारीख टलती जा रही थी तो अशोक ने बिना किसी औपचारिकता के ही शादी करने का निर्णय लिया। लड़की के घर वाले भी बिना झिझक इसके लिए तैयार हो गए। शादी के लिए लड़की और उसके पिता तथा भाई-भाभी को प्रयागराज बुला लिया।
अशोक की मां बुजुर्ग हैं और बस्ती में लॉक डाउन भी हैं लिहाजा वह घर पर ही रहीं। दूसरे भाई कहीं और नौकरी करते हैं वो पहुंच नहीं सके। दोनों पक्षों से कुल नौ लोगों की मौजूदगी में अशोक के फ्लैट में ही वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शादी की रस्म पूरी कर ली गई। अशोक बताते हैं कि मां और परिवार के अन्य सदस्यों तथा रिश्तेदारों ने वीडियो कॉलिंग से आशीर्वाद दिया। शादी के दौरान सैनिटाइजेशन और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया। परंपरा का पालन करते हुए बिना परिवार के ही उन्होंने अपनी वधू का गृह प्रवेश कराया।