
बड़ी मश्क्कत के बाद भी बहे किशोर का नहीं चल पाया पता
रुक रुक कर हो रही तेज बारिश से कई स्थानों पर बाढ़ जैसे हालात
ललितपुर।
यूपी के सबसे अंतिम छोर पर बसे ललितपुर जिले की हालात बहुत ही खराब है। इस राज्य को भले ही एक राज्यमंत्री मिला हो, लेकिन यहां की हकीकत किसी से छिपी हुई नहीं है। जिले में सड़क और पुलों का बहुत ही बुरा हाल हो गया है। यहां पर यह स्थिति है कि अगर दो से तीन घण्टे तगड़ी बरसात हो जाए तो नदियों का पानी पुल के ऊपर से बहने लगता है जिससे आवागमन में बड़ी बाधा उत्पन्न हो जाती है। इसके बाद भी राहगीर अपनी जान हथेली पर रखकर पुल पार करते हैं। आज उसी समय बड़ा हादसा भी हो जाता है।
आज यहां पर निर्माणाधीन एक पुल को पार करते समय एक किशोर पानी में बह गया। सूचना पर पहुंची पुलिस और स्थानीय लोगों ने उसे काफी ढूंढने का प्रयास किया लेकिन आधा दिन बीत जाने के बाद भी उस किशोर का कुछ पता नहीं चल सका। यह पुल महरौनी विधायक और यूपी सरकार में श्रम सेवायोजन राज्य मंत्री मनोहर लाल पंथ उर्फ मन्नू कोरी के चुनावी क्षेत्र में आता है । हालांकि इस पुल के निर्माण का शिलान्यास लगभग 4 माह पूर्व उन्हीं ने किया था जो आज भी निर्माणाधीन है।
जिले के महरौनी-बानपुर मार्ग पर पड़ने वाले पुतली घाट पुल की है। यह क्षेत्र राज्य के राज्यमंत्री के क्षेत्र में आता है। ऐसा बताया जा रहा है कि जहां पर एक नावालिग किशोर पुल पार करते समय पानी में बह गया। बताया गया है कि कोतवाली महरौनी के अंतर्गत ग्राम धावारी निवासी 16 बर्षीय अभय पुत्र मूलचंद पुतली घाट का पुल पार करते समय अचानक पैर फिसलने से जामनी नदी की तेज धार में बह गया। जिस समय उक्त नाबालिक किशोर पुल पार कर रहा था पुल के दोनों तरफ काफी लोग मौजूद थे। किशोर को बहता देख लोग चिल्लाए लेकिन पानी की धार इतनी तेज थी कि उसके साथ बहता चला गया और कोई कुछ ना कर। सूचना पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से उसे ढूंढने का काफी प्रयास किया लेकिन 6 घंटे बीतने के बाद भी उसका कुछ पता नहीं चल सका।
इस पुल पर भी जोखिम में जान
पुल पर पानी बहने की घटना ऐसी एक जखौरा में भी देखने को मिल रही है। जखौरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत जखौरा तालबेहट को जोड़ने वाली सड़क पर जखौरा के पास खेडर नदी पर बने पुल का है। जहां बारिश के बाद पुल के ऊपर से पानी बह रहा है और लोग वहां से भी जान हथेली पर रखकर पुल पार करने में लगे हुए हैं । ऐसे में यहां भी कोई बड़ी हो बड़ा हादसा हो सकता है । लेकिन पुल पर पानी बहने के बावजूद स्थानीय पुलिस द्वारा सुरक्षा के कोई इंतजाम बात नहीं किए गए जिस कारण तो कभी कभी बड़े हादसे भी हो जाते हैं। यहां के स्थानीय ग्रामीण कई बार शासन प्रशासन के अधिकारियों नेताओं मंत्रियों तक प्रार्थना पत्र देकर पुल के उच्च करण की मांग कर चुके हैं । लेकिन इन नेताओं और अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंगती। जखौरा सहित अन्य जगहों पर कई ऐसे पुल है जो आजादी के बाद भी जस की तस स्थिति में है। जो आज तक कभी भी उच्च लेवल लेकर नहीं बनाये गए हालांकि विभागीय अधिकारियों द्वारा इनकी मरम्मतीकरण करवाया गया लेकिन इन पुलों का उच्चीकरण नहीं करवाया जा सका है।