लखनऊ: प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की ओर से 31 मई को हड़ताल के एलान के बाद राज्य सरकार ने सरकारी सेवाओं में हड़ताल पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कार्मिक विभाग ने प्रदेश में 6 महीने के लिए राज्य में हड़ताल पर रोक लगाए जाने को लेकर एस्मा (ESMA Act) लगाने का आदेश जारी किया है. प्रदेश के सभी सरकारी सेवाओं में आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (Essential Services Maintenance Act) 1966 के तहत एस्मा लगाया गया है. सरकार के आदेश में कहा गया है कि 6 महीने तक राज्य में किसी भी विभाग के सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकेंगें.
6 महीने के लिए हड़ताल पर रोक
राज्य सरकार के निर्देश पर कार्मिक विभाग के अनु सचिव राजेश प्रताप सिंह ने सभी विभागों के विभागाध्यक्ष को आदेश जारी करते हुए एस्मा लगाए जाने की जानकारी दी है. जारी आदेश में कहा गया है कि आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम 1966 के तहत 6 महीने के लिए एस्मा लागू रहेगा. इस प्रकार से अब सभी सरकारी विभागों में 6 महीने के लिए हड़ताल पर प्रतिबंध रहेगा. यूपी सरकार के अधीन सभी लोक सेवाएं प्राधिकरण, निगम सहित सभी सरकारी विभागों में हड़ताल पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा.
एस्मा के दौरान हड़ताल करने पर यह होती है कार्रवाई
एस्मा के तहत तय की गई अवधि में हड़ताल पर जाने और नियम का उल्लंघन करने पर कार्रवाई होती है. इसके अंतर्गत 6 महीने के लिए राज्य सरकार एस्मा लगा सकती है. इस अवधि में अगर कोई सरकारी कर्मचारी हड़ताल, विरोध प्रदर्शन आदि करता है तो उसे बिना किसी वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है, साथ ही इस कानून के तहत दंडनीय सजा का भी प्रावधान है.
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की नीतियों को जनविरोधी बताते हुए कर्मचारी संगठनों की तरफ से पिछले दिनों हड़ताल का एलान किया गया था. कोरोना महामारी के बीच राज्य सरकार ऐसी किसी हड़ताल से बचना चाहती है. इससे सरकारी सेवाएं प्रभावित न हों, इन सभी स्थितियों को देखते हुए उच्च स्तर पर फैसला करने के बाद राज्य में 6 महीने के लिए एस्मा लागू किया गया है.

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