लखनऊ। कोरोना महामारी की चुनौतियों के बीच उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपनी उपलब्धियों का मेगा शो सजाने जा रही है। राज्य सरकार का दावा है कि प्रदेश में श्रमिक-कामगारों की वापसी के साथ ही हर हाथ को काम, हर घर में रोजगार का जो संकल्प लिया गया था, वह पूरा हो गया है। सरकार एक करोड़ लोगों को रोजगार से जोड़ चुकी है और इतने रोजगार सृजित करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। यूपी सरकार के इस महाअभियान के कार्यक्रम में 26 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ऑनलाइन शामिल होंगे।

लॉकडाउन के बाद दूसरे राज्यों से यूपी लौटे श्रमिक-कामगारों को रोजगार देने के अभियान की समीक्षा खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कर रहे हैं। मंगलवार को लोकभवन में हुई टीम-11 की बैठक में 26 जून को प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर चर्चा की। इसमें बताया गया कि उत्तर प्रदेश में फैक्ट्री, कारखाने, विभिन्न निर्माण परियोजनाओं, मनरेगा आदि के माध्यम से एक करोड़ दस लाख लोगों को रोजगार से जोड़ा जा चुका है। इतनी बड़ी संख्या में रोजगार सृजित करने का उत्तर प्रदेश पहला राज्य है। इस उपलब्धि पर 26 जून को प्रस्तावित कार्यक्रम में ऑनलाइन भागीदारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वीकृति मिल चुकी है। लॉकडाउन के बाद से यह पहला अवसर होगा, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी राज्य से जुड़े ऐसे आयोजन में शामिल होंगे।

लॉकडाउन में दूसरे राज्यों से प्रवासी श्रमिक-कामगारों की वापसी शुरू होने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रोजगार की विस्तृत रूपरेखा पर काम शुरू कर दिया था। क्वारंटाइन सेंटर में लाने वाले हर श्रमिक-कामगार की स्किल मैपिंग कराई गई, ताकि उन्हें क्षमता के अनुसार रोजगार से जोड़ा जा सके। आज प्रदेश सरकार के पास 36 लाख प्रवासी कामगार का पूरा डेटा बैंक मैपिंग के साथ तैयार है। सरकार का दावा है कि इन सभी को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई), एक्सप्रेसवे, हाईवे, मनरेगा आदि क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर रोजगार से जोड़ा जा चुका है। अब यह आंकड़ा एक करोड़ के पार जा रहा है। सरकार इस आंकड़े को एक उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत करना चाहती है। इन एक करोड़ रोजगार में मनरेगा के मानव दिवस भी शामिल हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार यह कहते रहे हैं कि दूसरे प्रदेशों से लौटने वाले श्रमिक कामगार हमारी पूंजी है। हम इनको इनके हुनर के अनुसार स्थानीय स्तर पर रोजगार देंगे। इसी लिए जो भी घर आए स्किल मैपिंग के जरिए उनकी दक्षता का पूरा ब्यौरा एकत्र किया गया। सरकार ने संकट के इस दौर में हर एमएसएमई इकाई से कहा कि वह अपने यहां कम से कम एक अतिरिक्त रोजगार का अवसर सृजित करे। क्षमता बढ़ाने और खुद को तकनीकी रूप से अपग्रेड करने के लिए पांच मई को 57 हजार से अधिक इकाइयों को ऑनलाइन लोन दिया गया। 26 जून के कार्यक्रम में भी एमएसएमई इकाइयों को ऋण बांटा जाएगा।

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