लखनऊ: विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन सुबह 11:05 बजे राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का अभिभाषण शुरू होते ही विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया. बेल में पहले से मौजूद सपा के विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सरकार विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी. राजयपाल ने अपना अभिभाषण जारी रखा. वह अपनी सरकार की उपलब्धियां सदन में रख रही थीं. दूसरी तरफ सपा, बसपा और कांग्रेस ने अभिभाषण का बहिष्कार किया. विपक्ष ने देर से अभिभाषण शुरू होने को लेकर भी सत्ता पक्ष पर हमला बोला है. राज्यपाल का अभिभाषण 11:48 बजे तक चला.
सपा ने सरकार बोला हमला
नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि राज्यपाल अभिभाषण नहीं पढ़ना चाहती थीं. इसलिए वह देर से आईं. महिलाओं पर अत्याचार बढ़ा है. उनको मुख्य्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने मनाया तो वह सात आठ मिनट देर से आईं है. पत्रकारों को वहां से हटाया गया है. उसकी भी निंदा हम करते हैं. हमने पांच मिनट देर से अभिभाषण का विरोध करते हुए पूरे अभिभाषण का बहिष्कार किया है. उन्नाव घटना से बड़ी घटना हो ही नही सकती. उच्च न्यायालय ने इस मामले पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, जिसके कारण सरकार अब प्रेस को बैन कर रही है.
बसपा ने बोला हमला
बसपा नेता विधानमंडल दल लालजी वर्मा ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण सरकार के वक्तव्यों का पुलिंदा होता है. इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब राज्यपाल सरकार से असहमत थीं. इसलिए देर से आईं. सरकार किसानों को बिचौलियों के हाथ मे बांधने का काम कर रही है. बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिला. जब से भाजपा की सरकार बनी है. पूरे प्रदेश में महिलाओं से बलात्कार और हत्या हो रही है. कानून व्यवस्था ध्वस्त है.
कांग्रेस ने भी किया बहिष्कार
नेता विधानमंडल दल कांग्रेस आराधना मिश्रा ने कहा कि पूरी तरह से सरकार संवेदन हीन है. सरकार को उत्तर प्रदेश के बेटियों से माफी मांगनी चाहिए. हमने अभिभाषण का विरोध किया है. आज तक कभी नहीं हुआ कि राज्यपाल का अभिभाषण पांच मिनट देर से शुरू हुआ हो. जब अभिभाषण ही देर से शुरू हुआ तो सरकार कैसे काम कर रही है. यह पता चलता है.