लखनऊ। मामूली विवाद में पुलिस की हीला-हवाली का एक और दिल दहलाने वाला अंजाम राजधानी की सड़कों ने देखा। नाली विवाद में हमला और फिर इंसाफ न मिलने से आहत अमेठी की एक मां-बेटी ने लोकभवन (मुख्यमंत्री कार्यालय) के गेट नंबर तीन के सामने खुद को आग के हवाले कर दिया। मां करीब 70 फीसद और बेटी 15 फीसद झुलस गई है। दोनों का इलाज सिविल अस्पताल में चल रहा है। घटना के दौरान तमाशबीन मदद के बजाए मोबाइल पर वीडियो बनाते रहे। इस मामले में देर रात, मां-बेटी की शिकायत पर कार्रवाई न करने के आरोप में अमेठी के एसपी ने जामो थाने के इंस्पेक्टर रतन सिंह, बीट दारोगा और दो कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है।

आत्मघाती कदम उठाने वाली मां सोफिया और बेटी गुड़िया अमेठी के जामो थाना क्षेत्र की निवासी हैं। अस्पताल में भर्ती मामूली रूप से झुलसी गुड़िया ने पूरे वाकये की वजह बताई। बोली, गांव में कुछ दबंगों ने नाली विवाद में उसकी मां और उसे सार्वजनिक रूप से जमकर पीटा। जब वह जामो थाना पहुंची तो दबंग वहां भी आ धमके। पुलिस के सामने उन्हेंं थाने से बाहर भगा दिया। उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप पर आरोपितों के खिलाफ किसी तरह एफआइआर दर्ज हुई।

गुड़िया के मुताबिक, पुलिस में शिकायत के बाद दबंग और भड़क उठे। देर रात उनके घर पहुंच गए और लाठी डंडे से हम दोनों को फिर जमकर पीटा। गुड़िया बोली, उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा था। लोकभवन के सामने जान देने का फैसला किया। इस मामले में एसीपी हजरतगंज अभय कुमार मिश्र ने बताया कि पुलिस ने वक्त रहते आग पर काबू पा लिया। दोनों को सिविल अस्पताल में भर्ती हैं। अमेठी पुलिस से संपर्क किया गया है। गुड़िया और सोफिया की तहरीर पर अर्जुन, सुनील, राजकरण व राममिलन के खिलाफ जामो थाना में मामला दर्ज है।

अमेठी के जामो कोतवाली क्षेत्र के कस्बा निवासी अलगू साहू व सोफिया के बीच नाली को लेकर डेढ़ माह पहले विवाद हुआ था। दोनों पक्षों में मारपीट भी हुई। पुलिस कागजी कार्रवाई करती रही। अलगू का बेटा अर्जुन व साफिया की बेटी दोनों उच्च प्राथमिक विद्यालय में अनुदेशक के पद पर कार्यरत हैं। डीएम अरुण कुमार ने बताया कि आबादी की भूमि में नाली को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ था। दोनों पक्षों पर बीते 16 मई को निरोधात्मक कार्रवाई की गई थी, जिसकी अगली तारीख एसडीएम कोर्ट में 21 जुलाई को लगी है।

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