अफगानिस्तान (Afghanistan) में जारी निकासी अभियान के बाद भारतीय वायु सेना (IAF) ने अफगान नागरिकों के साथ-साथ भारतीय अधिकारियों और नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन में शामिल अपने सभी विमानों और कर्मियों को वापस बुला लिया है. इंडिया टुडे ने अधिकारियों के हवाले से बताया काबुल में फंसे लोगों की मदद करने के लिए ताजिकिस्तान और अफगानिस्तान में तैनाती के बाद C-17 और C-130J विमान अपने-अपने ठिकानों पर लौट आए हैं.
भारत ने अपने कुछ विमानों को ताजिकिस्तान के दुशांबे में आयनी एयरबेस पर तैनात किया था. यात्रियों को काबुल से दुशांबे लाने के लिए सी-130जे का भी इस्तेमाल किया गया था, जहां से उन्हें वापस भारत लाया गया. IAF के विमानों का इस्तेमाल मजार-ए-शरीफ और कंधार वाणिज्य दूतावासों में फंसे भारतीय अधिकारियों को निकालने के लिए भी किया गया था.
चरम स्थितियों में चलाया गया निकासी अभियान
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद निकासी अभियान भी चरम स्थितियों में किए गए थे क्योंकि विमान को उड़ान भरने के लिए रनवे को साफ करना पड़ा था. सूत्रों ने कहा कि इसके लिए भारतीय वायुसेना के गरुड़ कमांडो ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों के साथ हाथ मिलाया था, ताकी सी-17 भारतीय अधिकारियों को लेकर उड़ान भर सके.
अफगानिस्तान से लोगों को भारत वापस लाने के लिए एयर इंडिया के विमानों का भी इस्तेमाल किया गया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कुछ दिनों पहले कहा था कि ”हमने काबुल या दुशांबे से छह अलग-अलग उड़ानों में 550 से अधिक लोगों को निकाला है. इनमें से 260 से अधिक भारतीय थे. भारत सरकार ने अन्य एजेंसियों के माध्यम से भारतीय नागरिकों को निकालने में भी मदद की. हम अमेरिका, ताजिकिस्तान जैसे विभिन्न देशों के संपर्क में थे.”
अमेरिकी सैनिकों की वापसी भी पूरी
वहीं अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी सैनिकों की वापसी भी हो चुकी है. अफगानिस्तान छोड़ने वाले आखिरी अमेरिकी सैनिक मेजर जनरल क्रिस डोनह्यू की वापसी के साथ ही काबुल में चल रहा अमेरिका का निकासी अभियान खत्म हो गया. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका हर उस अमेरिकी की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहता है. इसी के साथ अमेरिका ने अफगानिस्तान में राजनयिक उपस्थिति को भी निलंबित कर दिया है.

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