भाजपा के प्रदेश उपाध्‍यक्ष उपेन्‍द्र दत्‍त शुक्‍ल सोमवार को पंचतत्‍व में विलीन हो गए। गोरखपुर के बड़हलगंज स्थित मुक्तिपथधाम पर हजारों लोग उन्‍हें अंतिम विदाई देने पहुंचे।

बड़े बेटे अरविंद शुक्‍ल ने उपेन्‍द्र शुक्‍ल के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि दी। मौके पर मौजूद परिवार के सदस्‍यों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने नम आखों से उन्‍हें विदाई दी। इसके पहले विधि, न्याय एवं ग्रामीण अभियंत्रण मंत्री ब्रजेश पाठक ने उपेन्‍द्र शुक्‍ल के गांव सैरया तिवारी पहुंचकर उनके पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ाकर उन्‍हें श्रद्धाजंलि दी। उनके साथ भाजपा के विधायक डा.राधा मोहन दास अग्रवाल, जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह और भाजपा नेता अष्‍टभुजा शुक्‍ला भी थे।

सैरया तिवारी से मुक्तिपथ धाम तक उपेंद्र शुक्ला की अंतिम यात्रा में गोरखपुर, बस्‍ती मंडल के अलावा आसपास के अन्‍य जिलों से भी भाजपा के नेता-कार्यकर्ता देखे गए। उनके निधन पर दलीय सीमा भी टूट गईं। भाजपा के अलावा कांग्रेस, सपा, बसपा सहित विभिन्‍न राजनीतिक दलों और संगठनों के नेताओं ने सैरया तिवारी और मुक्तिपथ धाम पहुंचकर उपेन्‍द्र शुक्‍ल को अंतिम विदाई दी। उनमें कई सांसद, विधायक और वरिष्‍ठ  नेता शामिल रहे।

रविवार को हार्ट अटैक से हो गया था निधन

भाजपा के प्रदेश उपाध्‍यक्ष उपेन्‍द्र दत्‍त शुक्‍ल का दिल का दौरा पड़ने की वजह से रवि‍वार शाम गोरखपुर में निधन हो गया था। वह 60 वर्ष के थे।   वह अपने पीछे पत्‍नी शुभावती, दो विवाहित बेटे अरविंद शुक्‍ल, अमित शुक्‍ल और एक बेटी विंध्‍यवासिनी का भरा पूरा परिवार छोड़ गए।

मूल रूप से खजनी क्षेत्र के सरया तिवारी गांव के रहने वाले उपेन्‍द्र दत्‍त शुक्‍ल गोरखपुर के अलहदादपुर में परिवार सहित रहते थे। परिवार के नजदीकी सूत्रों के अनुसार रविवार को दिन में 11:30 बजे अपने आवास पर अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। परिवार के लोग उन्‍हें लेकर तुरंत गांधी गली स्थित होप डायग्‍नोसिस सेंटर पहुंचे। वहां से उन्‍हें छात्रसंघ चौराहा पैनेसिया हास्पिटल लाया गया। तब तक उनकी तबीयत काफी खराब हो चुकी थी। अस्‍पताल पहुंचते ही उन्‍हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। डॉक्‍टरों की टीम उनके इलाज में जुटी थी इसी बीच शाम करीब दो बजे उनका निधन हो गया।

जनसंघ के जमाने से जुड़े थे
उपेन्‍द्र शुक्‍ल जनसंघ के जमाने से भाजपा संगठन से जुड़े रहे। छात्र जीवन में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सक्रिय कार्यकर्ता थे।  वह गोरखपुर भाजपा के जिलाध्‍यक्ष और गोरखपुर क्षेत्र के अध्‍यक्ष रहे। 2013 से 2018 तक भाजपा क्षेत्रीय अध्‍यक्ष के रूप में उन्‍होंने काफी सफलतापूर्वक काम किया। 2017 में योगी आदित्‍यनाथ के मुख्‍यमंत्री बनने के बाद 2018 में गोरखपुर संसदीय सीट पर हुए चुनाव में मुख्‍यमंत्री ने उन्‍हें अपने राजनीतिक उत्‍ताधिकारी के रूप में मैदान में उतारा था। लेकिन इस चुनाव में कामयाबी उनके हाथ नहीं लगी। लोस चुनाव के बाद पार्टी ने उन्‍हें प्रदेश उपाध्‍यक्ष बनाया था। रविवार को उनके निधन से पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के सियासी हल्‍कों में शोक की लहर दौड़ गई।

सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने जताया शोक
मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने उनके निधन पर गहरा दु:ख जताते हुए ईश्‍वर से दिवंगत की आत्‍मा की शांति की प्रार्थना की। मुख्‍यमंत्री ने उपेन्‍द्र शुक्‍ल के राजनीतिक और सामाजिक जीवन की सराहना की। पूर्व केंद्रीय मंत्री शिवप्रताप शुक्‍ल, सांसद रविकिशन, सांसद कमलेश पासवान, क्षेत्रीय अध्‍यक्ष डा.धर्मेन्‍द्र सिंह, प्रदेश प्रवक्‍ता डा.समीर सिंह, अष्‍टभुजा शुक्‍ला, दिनेश चंद्र त्रिपाठी, डा.सत्‍येन्‍द्र सिन्‍हा, राहुल श्रीवास्‍तव, बृजेश राम त्रिपाठी, बृजेश मणि मिश्र, राधेश्‍याम सिंह सहित विभिन्‍न राजनीतिक दलों-सामाजिक संगठनों के सैकड़ों वरिष्‍ठ नेताओं कार्यकर्ताओं ने उपेन्‍द्र शुक्‍ल के निधन पर शोक जताया

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