कोयला घोटाले पर एक तरफ केंद्र सरकार बचाव की मुद्रा में है तो दूसरी तरफ केंद्रीय गृह मंत्री ने इस पर अपने बड़बोलेपन का परिचय दे कर चिनगारी छोड़ दी है। उनका कहना है कि बोफोर्स की तरह कोयला मसला भी लोगों के जेहन से जल्द मिट जाएगा। जनता की याददाश्त बेहद कमजोर है उसे कोयला घोटाला तो याद भी नहीं रहेगा।
पुणे में दिवंगत मराठी कवि नारायण सुर्वे की याद में पुरस्कार वितरण करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि इससे पहले बोफोर्स पर लोग चर्चा करते थे। अब वे कोयले पर चर्चा कर रहे हैं। इसे भी लोग भूल जाएंगे। दरअसल पुरस्कार पाने वाले एक व्यक्ति ने शिंदे से पूछा था कि अब तक कोयला खदानों से हीरे निकाले जाते हैं अब अजनबियों को खदान बांटे जा रहे हैं। कार्यक्रम के बाद जब पत्रकारों ने शिंदे से उनके बयान के बाबत सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि क्या आपको राजग कार्यकाल में हुआ पेट्रोल पंप घोटाला याद है। कोयले से सने हाथों को एक बार धो लिया जाए तो वे फिर से साफ हो जाते हैं। उन्होंने संसद में गतिरोध के जल्द खत्म होने की उम्मीद जताई। उनका कहना है कि संप्रग मजबूत है और उसे सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव का समर्थन प्राप्त है।