उत्तर प्रदेश पुलिस की एक बार फिर से फजीहत हुई है। यूपी के मिर्जापुर में गंगा घाट पर चल रहे तलाशी अभियान को देख रहे शख्स को एक पुलिसकर्मी ने पैर पर ऐसी लात मारी कि वह सीधे नदी में गिर गया। मगर ये पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई, जिसका वीडियो वायरल हो गया और एक बार फिर से यूपी पुलिस के आचरण और व्यवहार पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

इस घटना के बाद हुई फजीहत पर पुलिस विभाग ने एक्शन लिया है और इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मिर्जापुर में विंध्याचल कोतवाली थाने के स्टेशन हाउस अधिकारी (एसएचओ) को शामिल करते हुए पुलिस विभाग को घटना की विभागीय जांच का आदेश देना पड़ा। आरोपी अधिकारी का नाम शेषधर पांडे बताया जा रहा है।

हालांकि, पुलिस विभाग ने जांच के आदेश तब दिए जब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बहुजन जागृति मंच सहित अन्य राजनीतिक मोर्चों ने इस घटना की खूब निंदा की। (बसपा) के बहुजन जागृति मंच ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा,’मिर्ज़ापुर पुलिस ऐसे ही निरीह जनता को पीछे से दुलत्ती मारती है। विंध्याचल में गंगा के किनारे खड़े युवक को नवागत कोतवाल ने मारी पीछे से लात। युवक गिरा नीचे गंगा में।’ इसमें कई अधिकारियों को भी टैग किया गया है।

वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे नदी के पास तलाशी अभियान के दौरान पुलिस वालों के साथ-साथ अन्य लोग भी खड़े हैं। तभी पीछे से एक पुलिसवाला आता है और वहां खड़े एक शख्स को लात मारता है, जिससे वह गिर जाता है।

वीडियो

 

हालांकि, मिर्जापुर पुलिस द्वारा जारी एक बयान में आरोपी पुलिसकर्मी शेषधर पांडे के इस व्यवहार का बचाव किया गया और दावा किया गया कि वह केवल नदी तट पर सोशल डिस्टेंसिंग को लागू करने की कोशिश कर रहे थे, जहां एक बॉडी की तलाश के लिए चल रहे तलाशी अभियान को देखने के लिए भीड़ जमा हो गई थी।

बयान में यह भी कहा गया है कि पांडे सिर्फ शख्स को हल्का छूकर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करने को कहना चाहते थे, मगर इस दौरान उसका संतुलन बिगड़ गया और वह नदी में गिर गया। मिर्जापुर पुलिस की ओर से बाद में एक ट्वीट किया गया और दावा किया गया कि एसएचओ को चेतावनी जारी की गई है और इस मामले में प्रारंभित जांच के आदेश दे दिए गए हैं।

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